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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध खनन घोटाला केस में आरोपी आईएएस अधिकारी बी एस चंद्रकला को पूछताछ के लिए तलब किया है. लेकिन बी चंद्रकला लखनऊ में ईडी दफ्तर नहीं पहुंची हैं. उन्होंने अपने वकील को वहां भेजा है. चंद्रकला से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ होनी थी, वह नहीं पहुंची हैं.
पिछले हफ्ते ही इस संबंध में ईडी ने बी चंद्रकला समेत चार लोगों को नोटिस भेजा था. इनमें समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा को भी पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया था.
रेत के अवैध खनन का यह मामला यूपी के हमीरपुर जिले का है. 2012 से 2016 तक यहां अवैध खनन किए जाने का आरोप है. इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बी. चंद्रकला समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. जिसके बाद इनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. यह केस खुलने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम भी इसमें सामने आ रहा है क्योंकि उनके खनन मंत्री रहते ही खनन के टेंडर जारी किए गए थे.
क्या हैं आरोप?
आरोप है कि ई-टेंडर नीति का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के कार्यालय से एक ही दिन में कई खनन पट्टों को मंजूरी दी गई. CBI का दावा है कि 2012 की ई-टेंडर नीति का उल्लंघन करते हुए सीएम कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद 17 फरवरी 2013 को हमीरपुर की जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने खनन पट्टे दिए. इसमें बड़ी बात ये है कि 2012-13 के दौरान खनन विभाग का जिम्मा अखिलेश यादव खुद संभाल रहे थे.
सीबीआई की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने पैसों के लेन-देन का पता लगाने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया गया है. ईडी इस बात का भी पता लगा रही है कि क्या इस दौरान रिश्वत के रूप में ब्लैक मनी का इस्तेमाल किया गया है.