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दिल्ली में संदिग्धों से पूछताछ कर रही है आईबी और रॉ

बिहार समस्तीपुर में पकड़े गए तीनों संदिग्धों को दिल्ली लाया गया है. जहां आईबी और रॉ की टीम उनसे पूछताछ कर रही है. संदिग्धों में एक नेपाली मूल का है.

तीनों संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जा रही है तीनों संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जा रही है
परवेज़ सागर/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

बिहार समस्तीपुर में पकड़े गए तीनों संदिग्धों को दिल्ली लाया गया है. जहां आईबी और रॉ की टीम उनसे पूछताछ कर रही है. संदिग्धों में एक नेपाली मूल का है.

सूत्रों के मुताबिक संदिग्धों में एक दुबई में रहने वाले शम्शुल हुदा का भतिजा है. बिहार पुलिस के दावों के मुताबिक शम्शुल हुदा आईएसआई का एजेंट है. उसी ने भारत में ट्रेन को उड़ाने की साजिश रची थी.

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समस्तीपुर में पकड़े जाने के बाद तीनों संदिग्धों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि कानपुर ट्रेन हादसे के पीछे आईएसआई की साजिश थी. हालांकि इस खुलासे के बाद से अभी तक तीनों संदिग्धों से कोई अहम जानकारी नहीं मिली है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल मूल के जिस ब्रिज किशोर को आईएसआई का एजेंट बताया जा रहा है और जिस पर ट्रेन धमाके के लिए पैसे देने का आरोप है, उस ब्रिज किशोर को नेपाल पुलिस के साथ मुठभेड़ में कई गोलियां लगी हैं.

जानकारी पर भरोसा किया जाए तो ब्रिज किशोर के बचने के उम्मीद कम है. उधर, सूत्रों ने बताया की दुबई में बैठा शम्शुल हुदा नकली नोट का धंधा करता है, लेकिन दाऊद से उसके संबंध की कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.

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दरअसल 1 अक्टूबर को रक्सौल दरभंगा रेल लाइन पर एक बम बरामद हुआ, जिसे पुलिस ने डिफ्यूज कर दिया. उसके बाद कानपुर में 20 नवंबर को रेल हादसा हुआ, लेकिन असली कहानी 25 दिसंबर से शुरू होती है, जब पुलिस को पूर्वी चंपारण के आदापुर इलाके से चाचा और भतीजा के गायब होने की सूचना मिली है.

पुलिस उनकी खोजबीन कर ही रही थी कि उनका शव 28 दिसंबर को उसी इलाके में बरामद हो जाता है. पुलिस ने हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम हैं मोती पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव.

सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों से पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तब पता चला कि इन चाचा-भतीजा ने ही घोड़ासहन में ट्रेन उड़ाने की सुपारी ली थी. सुपारी देने वाले का नाम है ब्रिज किशोर गिरी जो नेपाल का निवासी है.

वहीं मोती पासवान ने कबूला है कि कानपुर रेल दुर्घटना कराने की साजिश भी रची गई थी. इससे जुड़े कुछ अपराधियों को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा भी है जिनका जल्द खुलासा भी हो सकता है.

गौरतलब है कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस का 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास एक्सीडेंट हो गया था. उस हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी.

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