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विशेषज्ञ क्रिकेटरों और नई रणनीति के साथ मेजबान इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड कप -2019 उम्मीदों को नतीजों में बदलने के इरादे से उतरेगी. उसके पास वनडे वर्ल्ड कप जीतने का यह संभवत: सर्वश्रेष्ठ मौका होगा. क्रिकेटर के घर इंग्लैंड में यह खेल अब शीर्ष पर नहीं है, लेकिन 14 जुलाई को अगर इयोन मॉर्गन लॉर्ड्स की बालकनी में खिताबी ट्रॉफी उठा लेते हैं, तो निश्चित तौर पर इस खेल की गिरती लोकप्रियता में इजाफा होगा.
वर्ल्ड कप 2015 में लचर प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड के रवैये में आमूलचूल बदलाव आया है. टीम तब क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई थी. इंग्लैंड ने हालांकि इसके बाद आक्रामक क्रिकेट खेलना शुरू किया और विशेष रूप से इस प्रारूप को देखते हुए मैच विजेता तैयार किए.
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टीम को इसके शानदार नतीजे भी मिले. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड की वनडे इंटरनेशनल टीम इससे पहले कभी विश्व कप में इतने बड़े दावेदार के रूप में नहीं उतरी और आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही है.
भारत के पास अगर शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के रूप में शीर्ष तीन पर शानदार बल्लेबाज हैं तो वहीं इंग्लैंड के पास जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो, जो रूट, जोस बटलर, बेन स्टोक्स और कप्तान मॉर्गन के रूप में संभवत: सर्वश्रेष्ठ शीर्ष छह बल्लेबाज हैं जो अपने दम पर खेल का रुख बदलने में सक्षम हैं.
हाल में इंग्लैंड के टेस्ट विशेषज्ञ स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा था कि वनडे क्रिकेट में अच्छा रिकॉर्ड रखने वाला कोई भी पूर्व महान खिलाड़ी मौजूदा टीम के शीर्ष छह खिलाड़ियों की जगह नहीं ले सकता जो लगातार बड़ा स्कोर खड़ा कर रहे हैं.
इसके अलावा टीम के पास लेग स्पिनर आदिल राशिद और तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर भी हैं. 2015 वर्ल्ड कप से राशिद वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज हैं, जबकि आर्चर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए गति और कौशल है.
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और भारतीय कप्तान कोहली आर्चर को खेल बदलने वाला गेंदबाज बता चुके हैं, जबकि उनका यह भी कहना है कि वनडे क्रिकेट में 500 रनों के आंकड़े तक सबसे पहले पहुंचने की क्षमता इंग्लैंड में है. इंग्लैंड में नई जान फूंकने का श्रेय बटलर को जाता है, जिन्होंने 2015 के अंत में यूएई में पाकिस्तान के खिलाफ 46 गेंदों में शतक जड़कर टीम में नया आत्मविश्वास भरा.
इंग्लैंड ने इसके बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह विकेट पर 481 रनों का वनडे क्रिकेट का सर्वोच्च स्कोर बनाया. टीम ने इसके अलावा 350 से अधिक रनों के लक्ष्य भी आसानी से हासिल किए.
उधर, बटलर, स्टोक्स, मोईन अली और बेयरस्टो को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का फायदा भी मिला और इनके खेल में सुधार हुआ. इंग्लैंड के प्रशंसकों की ‘बार्मी आर्मी’ को उम्मीद होगी कि कप्तान मॉर्गन की टीम इस बार खिताब जीतने में सफल रहेगी.