
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा कि उसे युद्ध के औजार के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने की रणनीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए और उसके ऐसा करने से दक्षिण एशिया में सुरक्षा की नजर से महत्वपूर्ण सुधार होगा.
राजनाथ ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि आतंकवादी अच्छे या बुरे नहीं होते. उन्होंने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान और उसके सहयोगी इतनी भारी कीमत चुकाने के बाद भी यह नहीं समझ पा रहे कि अच्छे आतंकवादी या बुरे आतंकवादी नहीं होते.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में अधिकतर आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत सीमापार होता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को युद्ध के औजार के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने की अपनी रणनीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए, चूंकि यह उनके खुद के राष्ट्रीय हित में होगा.
राजनाथ ने कहा, आतंकवादियों को अच्छी और बुरी श्रेणियों में बांटना बुरी तरह विफल रहा है. अगर आईएसआई और पाकिस्तानी सेना कुछ आतंकवादी संगठनों को अपना समर्थन बंद कर देते हैं तो मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा परिदृश्य महत्वपूर्ण तरीके से सुधरेगा.
उन्होंने कहा, भारत पिछले कई दशक से सीमापार आतंकवाद का शिकार रहा है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को सीमापार से मदद मिलती है और ये भारत की सरजमीं पर अनेक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.
दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की छद्म चीजों के इस्तेमाल के अनेक उदाहरण मिलते हैं. मौजूदा दुनिया में आतंकवाद के बदलते चेहरे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने उपलब्ध प्रौद्योगिकी और साइबरक्षेत्र का इस्तेमाल विनाशकारी तरीके से होने की बढ़ती आशंका पर चिंता जताई.