
ऐपल ने हाल ही में नए iPhone लॉन्च किए हैं. जाहिर है इसकी कीमत पिछली बार के मुकाबले ज्यादा है. IHS मार्किट हर बार iPhone का टियरडाउन करके इसकी लागत बताता है. इस बार भी IHS ने iPhone 8 और iPhone 8 Plus के निर्माण के लागत के बारे में बताया है. IHS के मुताबिक पिछली बार की तुलना में इस बार ऐपल को नए आईफोन बनाने में ज्यादा लागत आई है.
रिसर्च फर्म IHS मार्किट के मुताबिक iPhone 8 को बनाने में ऐपल को 247.51 डॉलर (16,192 रुपये) की लागत आई है जबकि iPhone 8 Plus की लागत 288.08 डॉलर (18,839 रुपये) की है. रिसर्च फर्म का कहना है कि इस बार कंपनी ने ऑप्टिक्स यानी कैमरे पर ज्यादा पैसे खर्च किए हैं.
आईएचएस मार्किट के मुताबिक ये लागत नए iPhone में लगाए गए पार्ट्स के आधार पर हैं . एक स्मार्टफोन में कई पार्ट्स होते हैं जिसे अलग अलग करके इस रिसर्च फर्म ने इसकी कीमतों का पता लगाया है. इस रिसर्च फर्म ने अपना विश्लेषण को ब्लूमबर्ग के साथ शेयर किया है. हालांकि IHS मार्किट इस मामले के लिए आधिकारिक नहीं है, बल्कि वो अपने हिसाब से पार्ट्स की कीमतें जोड़ कर iPhone का लागत बताती है.
हर साल IHS मार्किट महंगे और फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स का टियरडाउन करके उसकी लागत बताते हैं. हाल ही में ऐपल के सीईओ टिम कुक से पूछा गया कि यह कितना सही होता है. उन्होंने जवाब में कहा कि मैंने कभी नहीं देखा ऐसे आंकड़े सही भी होते हैं.
हालांकि IHS मार्किट के अपने तर्क हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है. क्योंकि यह एजेंसी लगातार गैजेट्स की स्पालाई चेन को ट्रैक करती है. इतना ही नहीं यह फर्म सिर्फ पार्ट्स की कीमतों के बारे में बताती है. लेकिन किसी स्मार्टफोन को बनाने में पार्ट्स के अलावा कई तरह के खर्चे होते हैं. इनमें मार्केटिंग, लेबर और रिसर्च शामिल हैं. क्योंकि ऐपल और सैमगंसग जैसी टॉप मोबाइल कंपनियां रिसर्च और लेबर पर अच्छा खासा पैसा लगाती हैं.