
आईआईटी रुड़की से कम अंक लाने वाले 73 छात्रों को निकालने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ कॉलेज प्रशासन छात्रों को निकालने के अपने फैसले पर कायम है. वहीं दूसरी तरफ छात्रों ने भी एक जुट होकर प्रशासन का सामना करने का मन बना लिया है.
नैनीताल हाईकोर्ट में अपील करेंगे छात्र
छात्रों को निकालने के नियम के खिलाफ छात्र अब नैनीताल हाईकोर्ट में अपील करने जा रहे है. छात्र संगठन NSUI और ABVP भी छात्रों से संपर्क कर रहे हैं.
निकाले गए छात्रों ने कॉलेज के सभी छात्रों से मदद की अपील की है. उन्होंने बताया उनको पूरा समर्थन मिल रहा है.
अभिभावकों का आरोप, वेबसाइट पर नहीं है इस नियम की जानकारी
परिसर में शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिहाज से संस्थान ने पिछले साल नियम बनाया था कि लगातार दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए (क्यूमेलेटिव ग्रेड
प्वॉइंट एवरेज) से कम अंक पाने वाले छात्रों को कॉलेज से निकाल दिया जाएगा. जब 73 छात्र दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए से कम अंक पाने वाले निकले तो
उन्हें संस्थान से निष्कासन का नोटिस जा री कर दिया गया. अभिभावकों का दावा है कि संस्थान की वेबसाइट पर इस नियम की कोई चर्चा नहीं की गई है.
दाखिले के दौरान अभिभावकों ने नियम को सहमति दी थी: IIT रुड़की
आईआईटी रुड़की के अधिकारियों का कहना है कि दाखिले के दौरान अभिभावकों ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया था जिसके मुताबिक प्रदर्शन खराब रहने
पर छात्रों को संस्थान से निकाला भी जा सकता है. संस्थान ने मई में छात्रों को इस संबंध में चेतावनी भी दी थी.
विवाद पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय खामोश
इस पूरे विवाद पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. उनका कहना है कि आईआईटी स्वायत संस्थान है और अपने नियमों से
संचालित होते हैं.
गौरतलब है कि रूड़की से पहले यह नियम आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर में लागू हो चुका है.