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आईआईटी खड़गपुर के हर विभाग में बीटेक में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले छात्र ने  माइक्रोसॉफ्ट की लुभावनी पेशकश को नकारते  हुए अकादमिक क्षेत्र से जुड़े रहने का फैसला किया है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2015,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

आईआईटी खड़गपुर के हर विभाग में बीटेक में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले छात्र ने  माइक्रोसॉफ्ट की लुभावनी पेशकश को नकारते  हुए अकादमिक क्षेत्र से जुड़े रहने का फैसला किया है.

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र 'शिखर पत्रनबीस' ने इस साल 98.7 फ़ीसदी अंक हासिल किए हैं और वह इस साल सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले  छात्र है. और  ऐसी सूचना भी है कि शिखर को राष्ट्रपति गोल्ड मेडल से नवाज सकते है. शोध के प्रति शिखर के रुझान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोटे वेतन की नौकरी का प्रस्ताव भी उनका ध्यान भटका नहीं सकी.

शिखर ने आईआईटी परिसर में ही रहते हुए किसी बड़े सिस्टम में लगे कंप्यूटर "एंबेडेड सिस्टम" के हार्डवेयर की सुरक्षा पर पीएचडी करने का फैसला किया है. शिखर ने  बताया, मैं कभी बीटेक के बाद कॉरपोरेट कंपनी में नहीं जाना चाहता था. मेरी रूचि शोध और अकादमिक क्षेत्र में  है और मैं यही करना चाहता हूं. इस बारे में मेरी कोई दूसरी राय नहीं रही. मेरे सभी शिक्षकों और मेरे परिवार ने इस फैसले में मेरा साथ दिया है.

शीर्ष अंक हासिल करने वाले छात्रों में शिखर जैसे छात्र कम संख्या में ही हैं जो अकादमिक जगत पसंद कर रहे हैं. अधिकतर छात्र कॉरपोरेट जगत में नौकरी करने जाते  हैं. शीर्ष अंक हासिल करने वालों में शिखर के साथ केवल अनिरबान संतारा होंगे, जो आईआईटी में पीएचडी शोधार्थी बनने वाले हैं. संतारा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं. आईआईटी खड़गपुर के निदेशक पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने कहा, यह चलन रहा है कि उंची रैंक वाले एक-दो छात्र पीएचडी के लिए आईआईर्टी में रूकते हैं लेकिन शीर्ष रैंकर यहां रूक जाएं, ऐसा तो दुर्लभ ही है.

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