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बजट भाषण में कश्मीरी कविता, इल्तिजा मुफ्ती ने सरकार पर साधा निशाना

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने घाटी में पाबंदियों के बीच बजट भाषण में कश्मीरी कविता पढ़े जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला है.

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (फाइल फोटो) महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (फाइल फोटो)
पूजा शाली
  • कश्मीर,
  • 02 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

  • सदन में कश्मीरी कविता पढ़ने पर इल्तिजा मुफ्ती का सरकार पर हमला
  • कहा- पाबंदियों के बीच कश्मीरी कविता पढ़ा जा रहा, कई लोग हिरासत में

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने घाटी में प्रतिबंधों के बीच बजट भाषण में कश्मीरी कविता पढ़ने के लिए सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि घाटी में शेख अब्दुल्ला के पुत्रों सहित कई लोग अब भी हिरासत में हैं और उधर कश्मीरी कविता का उदाहरण दिया जा रहा है.

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इल्तिजा ने कहा कि घाटी में कई लोगों की नौकरी चली गई, पर्यटन लगभग ठप है और हालात भी सामान्य नहीं हुए, ऐसे में कश्मीरी कविता का क्या अर्थ.

ये भी पढ़ें- Budget 2020: इकोनॉमी को बचाने के लिए थीं बड़ी उम्मीदें, क्या मोदी सरकार का बजट खरा उतर पाया?

बता दें, संसद में शनिवार को बजट 2020 पेश करने के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध कश्मीरी कवि पंडित दीनानाथ कौल नदीम का उदाहरण दिया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कश्मीरी कविता का हिंदी अनुवाद करते हुए कहा, हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन.

तीन प्रमुख चीजों पर आधारित बजट

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बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और संवेदनशील समाज के लक्ष्य को लेकर मोदी सरकार बेहद गंभीर है. उन्होंने कहा, यह बजट तीन प्रमुख चीजों पर आधारित है. पहला आकांक्षी भारत जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो, उन्हें उच्च कोटि की स्वास्थ्य, शिक्षा और बेहतर रोजगार की सुविधाएं मिलें.

दूसरा, सबका आर्थिक विकास जिसकी झलक प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे में देखी जा सकती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर मोर्च पर सुधार लाने का लक्ष्य है. इसके तहत प्राइवेट सेक्टर के लिए अधिक उत्पादन का अवसर मुहैया करना है. तीसरा, हमारा समाज एक मानवीय और संवेदनशील समाज होगा.

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