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कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी पस्त नजर आ रही है. इस हालात से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बाहरी सलाहकार समूह का गठन किया है. इस समूह में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी शामिल किया गया है.
बता दें कि रघुराम राजन तीन साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं. वह अभी शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. बतौर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सितंबर 2016 में खत्म हुआ था. इसके बाद उर्जित पटेल को केंद्रीय बैंक की कमान मिली. उर्जित पटेल के कार्यकाल में ही नोटबंदी का फैसला हुआ था.
12 अर्थशास्त्रियों का समूह
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि रघुराम राजन और 11 अन्य अर्थशास्त्रियों को बाहरी सलाहकार समूह का सदस्य बनाया गया है. IMF के इस समूह में सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री तारमण षणमुगरत्नम, मैसचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की प्रफेसर क्रिस्टीन फोर्ब्स, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व डिप्टी महासचिव लॉर्ड मार्क मलोक ब्राउन भी शामिल हैं.
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क्या होगा काम ?
आईएमएफ प्रमुख को ये सलाहकार समूह कोरोना संकट से निपटने के सुझाव देगा. इसके अलावा दुनियाभर में हो रहे बदलाव और नीतिगत मुद्दों की समीक्षा करते हुए अपनी राय बताएगा. IMF प्रमुख जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों से पहले ही उसके सदस्य देश तेजी से बदलती दुनिया तथा जटिल नीतिगत मुद्दों का सामना कर रहे थे. ऐसे हालात से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा, ‘हमें आईएमएफ के अंदरूनी स्रोतों के साथ ही बाहरी स्रोतों से भी गुणवत्तायुक्त राय और विशेषज्ञता की जरूरत है. मुझे खुशी है कि इस दिशा में सेवा प्रदान करने के लिए उच्च नीतिगत अनुभव वाले लोगों से लेकर बाजार और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ सहमत हुए हैं.’