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योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली के पक्ष में ट्रंप

मैं पेश किए गए किसी भी विधेयक में योग्यता मेरिट शब्द को शामिल करना चाहूंगा क्योंकि मुझो लगता है कि हमें योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली को अपनाना चाहिए,

आव्रजन प्रणाली  योग्यता पर आधारित हो आव्रजन प्रणाली योग्यता पर आधारित हो
दिनेश अग्रहरि
  • वाशिंगटन,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर रोक के लिए आव्रजन प्रणाली में बदलाव की बात की है. ट्रंप ने योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली की वकालत की और कहा कि अच्छे रिकॉर्ड वाले लोगों को ही अमेरिका में आने की अनुमति दी जानी चाहिए.

अमेरिका के राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में सांसदों के एक द्विदलीय समूह के साथ बैठक के दौरान कहा, मैं पेश किए गए किसी भी विधेयक में योग्यता मेरिट शब्द को शामिल करना चाहूंगा क्योंकि मुझो लगता है कि हमें योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली को अपनाना चाहिए, जैसा कि कनाडा में है, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया में हैं. उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो ऐसा करने से देश में अच्छे रिकॉर्ड वाले लोग आएंगे जो अभी नहीं हो रहा है.

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आपको बता दें कि ट्रंप के इस बयान का कई सांसदों ने समर्थन किया है. सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, मैं योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली चाहता हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम 21वीं सदी में सफलता की ओर बढ़ें. प्रतिनिधि सभा के बहुमत दल के नेता केविन मैकार्थी ने जब तीन स्तंभों - डेफर्ड एक्शन ऑफ चाइल्डहुड अराइवल (DACA), सीमा सुरक्षा एवं आव्रजन श्रृंखला को समाप्त करने पर सुधार के केंद्रित होने की बात कही.

इसी बीच ट्रंप ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आव्रजन विधेयक में योग्यता को जोड़ा जाए. ट्रंप ने कहा, मुझे लगता है कि आपको योग्यता जोड़नी चाहिए. मुझो नहीं लगता, मुझे नहीं पता कि योग्यता आधारित प्रणाली को लेकर कौन बहस करेगा इस संबंध में एक विधेयक अगले कुछ दिनों में प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है.

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आपको बता दें कि अभी खबर थी कि ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा धारकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर करने संबंधी किसी भी प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं कर रहा है. जो अमेरिका में रह रहे नागरिकों के लिहाज से अच्छी खबर थी.

पिछले हफ्ते अमेरिका की एक न्यूज एजेंसी की ओर से यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी कि अमेरिका नए नियमों के तहत H-1B वीजा धारकों के एक्टेशन पर रोक लगाने संबंधी विचार कर रहा है, जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीय आईटी पेशेवरों पर पड़ेगा. भारतीय आईटी क्षेत्र की प्रतिष्ठित संगठन नॉसकॉम ने भी इस मामले पर आगाह किया था. इसका असर दोनों देशों पर पड़ने की बात कही थी.

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