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आखिर गर्भनाल क्यों महत्वपूर्ण है?

गर्भनाल महिला के ही शरीर का ही अभिन्न अंग होता है, जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे को सुरक्षा और पोषण देने का काम करता है. बच्चा इसी के सहारे मां के गर्भ में जीवित रहता है.

गर्भनाल का महत्व गर्भनाल का महत्व
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

गर्भनाल महिला के ही शरीर का ही अभिन्न अंग होता है, जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे को सुरक्षा और पोषण देने का काम करता है. बच्चा इसी के सहारे मां के गर्भ में जीवित रहता है. गर्भवती महिला इसी नाल के माध्यम से ही अपने बच्चे से जुड़ी होती है.

गर्भनाल कई तरीकों से बच्चे के लिए महत्वपूर्ण होती है. यह बच्चे के कुल वजन का छठा हिस्सा इसी गर्भनाल का होता है. जानते हैं कि बच्चे के विकास में गर्भनाल किस तरह अहम भूमिका निभाती है :

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1. गर्भनाल ही बच्चे के विकास को प्रेरित करती है. इसी की वजह से बच्चा मां के गर्भ में जीवित रहता है. यह सुरक्षा के साथ-साथ पोषण देने का भी काम करती है. यह बच्चे को कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने का काम करती है.

2. गर्भनाल शरीर में लैक्टोजन के बनने में मदद करती है, जो मां के शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया को प्रेरित करता है.

3. गर्भनाल मां और बच्चे को जोड़ने का काम करती है. मां जो कुछ भी खाती है, आहार नाल के माध्यम से उसका पोषण बच्चे को भी मिलता है. गर्भनाल बच्चे के लिए फिल्टर की तरह भी काम करती है. यह उस तक सिर्फ पोषण पहुंचाती है और विषैले पदार्थों को भ्रूण तक नहीं जाने देती.

4. बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद नाल खुद ही सूखकर गिर जाती है. इसका काम केवल बच्चे को मां के गर्भ में बच्चे को पोषण और विकास के लिए आवश्यक तत्व देने का है.

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5. अब तो बच्चे की नाल को सहेजकर रखा जाने लगा है क्योंकि इससे बच्चे की अनुवांशिक बीमारियों या फिर किसी भी मेडिकल केस हिस्ट्री को समझने में मदद मिलती है और बेहतर तरीके से सटीक इलाज मिल पाता है.

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