
नवजात के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी होता है. यह पोषक तत्व 20 सामान्य एमीनो एसिड से मिलकर बना होता है जो बच्चों को मजबूती देने का काम करता है. बच्चे को यह प्रोटीन मां के दूध से प्राप्त होता है. बच्चे के जन्म के पहले चार से छह महीनों में स्तनपान ही प्रोटीन के सही स्तर को बनाए रखने का सबसे बेहतर तरीका माना गया है.
दिल्ली के श्री गंगाराम अस्पताल में नियोनैटोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सतीश सालूजा के अनुसार, 'जब मां के गर्भाशय में बच्चे का विकास हो रहा होता है तो उसे लगातार एमीनो एसिड्स मिलते रहते हैं.'
उनके अनुसार, मां के दूध में आवश्यक मात्रा में प्रोटीन होता है. वह बच्चे के छोटे से शरीर को विकसित करने में मदद करता है. यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हुए बच्चे को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से बचाता है. यह एक बहुत अच्छा मेटाबोलिक प्रोग्रामर होता है जो दिमाग की गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही पाचन को भी सुचारु बनाता है.
डॉ. सतीश का कहना है कि जीवन के शुरुआती छह महीनों के लिए स्तनपान विशेषतौर पर बहुत जरूरी होता है. बच्चे के अधिकतम विकास के लिए इसे पर्याप्त आहार के साथ दो साल तक जारी रखना चाहिए. इस बात का जिक्र विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने भी किया है.
उन्होंने कहा कि किसी भी चीज की अधिकता अच्छी नहीं होती. बच्चे के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और हर अभिभावक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे को पर्याप्त प्रोटीन मिले. ज्यादा प्रोटीन नवजात शिशु के विकास पर असर डाल सकता है. हालांकि कुछ शोध यह बताते हैं कि बच्चे अगर शुरुआत के 24 महीनों के अंदर ज्यादा प्रोटीन ग्रहण करते हैं तो भविष्य में उन्हें मोटापे की शिकायत होती है.
नवजातों का पर्याप्त विकास प्रोटीन के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. यह बच्चे के अंगों की नई कोशिकाओं का निर्माण, मरम्मत, महत्वपूर्ण एंजाइम्स और हाॅर्मोंस को बनाने में अहम योगदान देता है.
इनपुट: IANS