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12 अरब डॉलर का लोन नहीं मिला तो बर्बाद हो जाएगा पाकिस्तान!

पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. इमरान की पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि देश को संभालने के लिए 12 अरब डॉलर के लोन की तत्काल जरूरत है.

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत खराब है पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत खराब है
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और अगर उसे छह हफ्ते के भीतर 12 अरब डॉलर का लोन नहीं मिला तो देश को संभालना मुश्किल होगा. यह बात किसी और ने नहीं, बल्कि इमरान की होने वाली कैबिनेट में वित्त मंत्री के दावेदार असद उमर ने कही है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने देश को गंभीर आर्थिक संकट में छोड़ दिया है.

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पाकिस्तानी कंपनी एंग्रो कॉरपोरेशन के पूर्व प्रमुख रहे असद उमर ने कहा कि देश में 10 से 12 अरब डॉलर की गंभीर वित्तीय कमी है. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग से बातचीत में असद उमर ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, देश चूंकि बिल्कुल 'कगार पर खड़ा' है, इसलिए नई सरकार को इसे संभालने के लिए कुछ अतिरिक्त रकम की भी जरूरत होगी.

उमर ने कहा, 'पाकिस्तान को अगले छह हफ्तों के भीतर ही कई निर्णय लेने होंगे. जितनी ही देर होगी, कठिनाई उतनी ही बढ़ जाएगी.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मदद के लिए आईएमएफ, दोस्त देशों से बात करेगा. इसके अलावा डायस्पोरा बॉन्ड भी जारी किए जाएंगे.

चीन और आईएमएफ पर दारोमदार

गौरतलब है कि इमरान खान पाकिस्तान के पीएम बनने की तैयारी तो कर रहे हैं, लेकिन वहां की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है. कई निवेशकों और जानकारों को लगता है कि अगर चीन और आईएमएफ ने राहत पैकेज नहीं दिया तो पाकिस्तान को संभालना मुश्किल होगा.

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गौरतलब है कि 1980 के दशक से अब तक आईएमएफ पाकिस्तान को 12 बार आर्थिक कार्यक्रमों के द्वारा मदद कर चुका है. पिछली बार ही आईएमएफ ने करीब 6.6 अरब डॉलर का राहत पैकेज दिया था और लगभग इतना ही कर्ज चीन भी दे चुका है.

चीन से सभी समझौते सार्वजनिक होंगे

असद ने जनता से यह भी वादा किया कि इमरान खान की सरकार बनने के बाद चीन से पाकिस्तान से होने वाले सभी समझौतों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. असल में चीन के वन बेल्ट वन रोड में पाकिस्तान को मिलने वाले लोन की शर्तों को लेकर पिछली सरकार की काफी आलोचना हुई है. 

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