
इस वर्ष जून से शुरू हो रहे नए अकेडमिक सेशन में गुजरात की पाठ्यपुस्तकों में देशभक्ति, भारत माता और भारतीय संस्कृति को विशेष जगह दी जाएगी. नए सत्र में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के दृष्टिकोण से 'भारत माता की जय' के विचार पर रोशनी डाली जाएगी.
गुजरात स्टेट स्कूल पाठ्यपुस्तक मंडल ने कक्षा नौवीं और ग्यारहवीं की चार पाठ्यपुस्तकों में हिन्दी को पहली भाषा और हिंदी को दूसरी भाषा के तहत चुनने वाले छात्रों के लिए आरएसएस की शाखा में गाया जाने वाला गीत 'मनुष्य तू बड़ा महान है' को भी शामिल किया है. ग्यारहवीं कक्षा की किताब में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता 'कदम मिलाकर चलना होगा' भी शामिल की गई है.
राजस्थान में किताब से नेहरू गायब
पड़ोसी राज्य राजस्थान में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को किताबों में से लगभग हटा दिया गया है. ऐसे में गुजरात स्टेट स्कूल पाठ्यपुस्तक मंडल ने ग्यारहवीं कक्षा की किताब में इन दिनों बहस का मुद्दा बना 'भारत माता की जय' पर प्रथम प्रधानमंत्री का पक्ष शामिल किया है. यह अध्याय नेहरू की आत्मकथा का हिस्सा है जिसमें वह हरियाणा के रोहतक में किसानों के एक समूह को 'भारत माता की जय' के विचार को समझा रहे हैं.
पाठ में होगा अज्ञानता मिटाने का प्रयास
इस पाठ का सार इस प्रकार है- 'प्रस्तुत लेख में अनपढ़ ग्रामीण लोग 'भारत माता की जय' का नारा तो लगाते हैं किंतु भारत माता के सच्चे स्वरूप तथा उनकी वात्सलता से अनजान हैं. उनकी इस अज्ञानता को लेखक के द्वारा दूर करके वास्तविकता से परिचित करने का प्रयास है.'