
देश में स्वच्छता के लिए चलाए जा रहे अभियानों और तमाम कोशिशों के बावजूद सच्चाई कुछ और ही हैं. एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि भारत में 60.4 फीसदी लोगों के पास निजी शौचालय नहीं है. वाटरएड इंडिया ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे सभी को स्वच्छता के दायरे में लाने के लिए काम करें. यह आग्रह वाटरएड इंडिया की एक रिपोर्ट के मद्देनजर किया गया है जिसमें बताया गया है कि भारत में सबसे अधिक लोग सफाई व्यवस्था से वंचित हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक घरों में स्वच्छता के मामले में सबसे बुरी स्थिति दुनिया के सबसे नए राष्ट्र दक्षिण सूडान की है. इसके बाद नाइजर, टोगो और मैडागास्कर का नंबर है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छी सफाई व्यवस्था और यह सुनिश्चित करना कि समुदाय में सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है. डायरिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए भी यह बेहद जरूरी है.
इसके मुताबिक भारत में 60.4 फीसदी लोगों के पास निजी शौचालय नहीं है. दुनिया के किसी भी देश से अधिक लोग (77 करोड़ 40 लाख) आज भी सफाई व्यवस्था का इंतजार कर रहे हैं. प्रति वर्ग किलोमीटर के हिसाब से सबसे अधिक लोग खुले में शौच भारत में ही करते हैं.
वाटरएड इंडिया के मुख्य कार्यकारी नीरज जैन ने कहा, 'हम एक और विश्व शौचालय दिवस मना रहे हैं और पा रहे हैं कि भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के 140,000 बच्चों की डायरिया से मौत हो रही है. हमारे 40 फीसदी बच्चे कमजोर हैं.'
उन्होंने कहा, 'स्वच्छ भारत अभियान के प्रति उच्च राजनैतिक प्रतिबद्धता है. लेकिन, भारतीयों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है. इसका दायरा शौचालय बनवाने से आगे तक का है. सफाई के मामले में लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव के लिए शिक्षा की मदद बड़े पैमाने पर लेनी होगी.'
रपट के मुताबिक दक्षिण एशिया में स्वच्छता के मामले में सबसे अधिक स्थिति नेपाल में सुधरी है. इसके बाद पाकिस्तान का नंबर है और फिर भूटान का.
रपट में कहा गया है कि दुनिया में 2.3 अरब लोगों के पास निजी शौचालय नहीं है. इनमें से एक अरब लोग ऐसे हैं जिनके पास खुले में शौच करने का कोई विकल्प ही नहीं है. इस वजह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और बीमारियां तेजी से फैल रही हैं.
ऐसा नहीं है कि सभी विकसित देशों में हालत बहुत अच्छी है. कनाडा, ब्रिटेन, आयरलैंड और स्वीडन में बहुत से लोगों के पास घरों में निजी शौचालय नहीं हैं. इस मामले में सबसे खराब स्थिति रूस की है.
इनपुट...IANS.