
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के उफा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से करीब 85 मिनट लंबी मुलाकात की. इस दौरान पीएम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी के मामले में चीन द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव को ब्लॉक करने पर कड़ी आपत्ति जताई.
पीएम मोदी ने जिनपिंग को लखवी को जेल से रिहा करने के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से कार्रवाई करने के प्रस्ताव को चीन द्वारा ब्लॉक किए जाने पर भारत की चिंता से अवगत कराया. ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलनों से पहले दोनों नेताओं के बीच चीन द्वारा बनाए जा रहे 46 अरब डॉलर लागत वाले आर्थिक गलियारे पर भारत की चिंता पर भी बात हुई. यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है.
मोदी-शी बैठक के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन द्वारा प्रस्ताव को ब्लॉक किए जाने का मुद्दा मजबूती से उठाया. उन्होंने भारत की चिंताओं से अवगत कराया. पिछले एक वर्ष में दोनों नेताओं की यह पांचवी बैठक है.' मोदी की टिप्पणियों पर विस्तार से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी चिंताओं को पूरी तरह स्पष्ट किया.
'नेता जहां छोड़ेंगे, अधिकारी वहां से शुरू करेंगे'
उन्होंने कहा, 'मैं मान रहा हूं कि जिस स्पष्टवादिता और प्रत्यक्ष रूप से यह बात कही गई उससे चीनी पक्ष प्रभावित है. ऐसा महसूस हुआ कि हमें उस पर बात करते रहना चाहिए.' यह पूछने पर कि मुद्दे पर बातचीत का प्रारूप क्या होगा, जयशंकर ने कहा कि नेता जहां छोड़ेंगे, अधिकारी वहां से शुरू करेंगे. उन्होंने कहा, 'कोई विशेष तंत्र नहीं है. विदेश मंत्रालय (चीनी) दूतावास के साथ बात कर सकती है. अनेक प्रक्रियाएं हैं.
-इनपुट भाषा से