
हिमाचल प्रदेश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश जारी कर कहा है कि गोहत्या रोकने के लिए छह माह के भीतर कानून बनाया जाए. शुक्रवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को यह आदेश जारी किए.
हिमाचल में बैन है गोहत्या
इससे पहले अक्टूबर 2014 में भी हाई कोर्ट की इसी खंडपीठ ने हिमाचल में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. उसके अलावा हाई कोर्ट ने सड़कों से आवारा पशु हटाने, उनके लिए गोसदन बनाने और घायल पशुओं के इलाज सहित अन्य कई आदेश दिए थे.
तीन महीने के भीतर बने राज्य कृषि आयोग
इसी सिलसिले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को केंद्र सरकार को भी गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए छह माह के भीतर कानून बनाने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने हिमाचल सरकार को आदेश दिया है कि वो तीन महीने के भीतर राज्य कृषि आयोग का गठन करे.
खेत और किसानों को पहुंचाएं लाभ
अपने विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी वाली केंद्रीय योजनाओं का अक्षरश: अनुपालन करे ताकि खेती के साथ-साथ किसानों को भी समुचित लाभ हो सके.