
केमिकल अटैक के बाद सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर अमेरिकी हमले शुरू होने से अमेरिका और
रूस के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं. अमेरिका सीरिया के जिस इलाके में हमले कर रहा है, वहां पर
सीरियाई सुरक्षा बलों के साथ रूसी सेना भी मौजूद है. ऐसे में अमेरिका हमले में रूसी सुरक्षा बलों के हताहत
होने की पूरी संभावना है. इससे पहले रूसी राजदूत सीरिया पर हमले के खिलाफ अमेरिका को चेता चुके हैं.
पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी सेना रूसी और सीरियाई सुरक्षा बलों को
लेकर सतर्कता बरत रही है. अमेरिका की कोशिश है कि इस हमले में इलाके में मौजूद रूसी और सीरियाई
सुरक्षाकर्मियों को कम से कम नुकसान पहुंचे. इस केमिकल हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री जल्द ही रूस का दौरा करने वाले हैं. उनके दौरे का मकसद अमेरिका और रूस के बीच संबंधों को बेहतर करना है.
US ने कहा-हमले की दे दी थी जानकारी, रूस ने नकारा
सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका ने कहा कि हमले के पहले रूस को इसकी
जानकारी दे दी गई थी. हालांकि रूस का कहना है कि अमेरिका ने इसकी सहमति नहीं ली है. इसके जवाब में
अमेरिका ने कहा कि उसने रूस को हमला शुरू करने की जानकारी दी है, लेकिन उसको रूस से मंजूरी लेने की
जरूरत नहीं है. रूस ने कहा कि अमेरिका केे इस हमलेे से दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का खात्मा करना मुश्किल हो जाएगा.
सीरियाई राष्ट्रपति पर केमिकल अटैक का आरोप
मंगलवार को सीरिया के इडलिब में हुए केमिकल अटैक के लिए अमेरिका ने सीरियाई राष्ट्रपति को जिम्मेदार
ठहराया है, जबकि रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का खुलेआम समर्थन कर रहा है. उसने संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद में भी बशर का समर्थन किया, जिसके चलते रूस की दुनिया भर में आलोचना हो रही है.
रूस और सीरियाई राष्ट्रपति ने विद्रोही गुटों पर लगाया आरोप
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद और रूस ने केमिकल अटैक करने के अमेरिका के आरोप को सिरे से खारिज
किया है. रूस और असद का कहना है कि विद्रोही गुटों ने इस केमिकल अटैक को अंजाम दिया है. इस हमले
के बाद से रूस और अमेरिका के बीच पहले से ही तीखी जुबानी जंग जारी है. ऐसे में अमेरिका की ओर से 60
क्रूज मिसाइले दागी जाने तनाव गहरा गया है.
ट्रंप के आने के बाद भी नहीं सुधरेंगे अमेरिकी-रूस रिश्ते
सीरिया को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन के दौरान रूस और अमेरिका के रिश्ते बेहद
बिगड़ गए थे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नजदीकी होने के बाद यह कहा जा
रहा था कि अब दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होंगे, लेकिन सीरिया में केमिकल अटैक के बाद यह उम्मीद धुंधली
होती दिख रही है.
केमिकल अटैक के बाद से ट्रंप के बदले रुख के चलते दोनों देशों के बीच संबंध फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं.
अमेरिका शुरू से ही असद को सीरिया की सत्ता से बेदखल करने के पक्ष में है, जबकि रूस असद का समर्थन
कर रहा है. रूस असद की ओर से सीरियाई विद्रोहियों और आईएस आतंकियों पर लगातार हवाई हमले कर रहा
है.
अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप का किया समर्थन
सीरिया पर केमिकल अटैक के बाद सैन्य कार्रवाई करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश की
अमेरिका में जमकर सराहना हो रही है. ट्रंप के आलोचक रहे कई अमेरिका सांसद भी उनके इस फैसले की
तारीफ कर रहे हैं. हालांकि कुछ सांसदों ने कांग्रेस में वोटिंग के बिना सैन्य कार्रवाई करने पर सवाल उठाए हैं.