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बजट में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी करने का ऐलान किया गया. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ये फैसला स्वदेशी सैन्य उद्योग की स्थापना में एक महत्वपूर्ण कदम है.
जेटली ने कहा कि इसमें और अधिक वृद्धि किए जाने से व्यापक घरेलू जटिलताएं पैदा हो सकती थीं. बाजार का हमारा आंकलन है कि क्षेत्र में एफडीआई की 49 फीसदी की सीमा घरेलू रक्षा बाजार की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. भारत में आम राय और संसद की राय, मेरे द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है.
जेटली ने इस बारे में दूसरे प्रस्तावों के बारे में कहा कि अन्य प्रस्ताव व्यापक घरेलू जटिलताएं पैदा कर सकते थे. 'हेडलाइन्स टुडे' पर करण थापर को दिए इंटरव्यू में जेटली ने कहा कि भविष्य में इन कंपनियों को लेकर 51 फीसदी भारतीय नियंत्रण संबंधी प्रस्ताव पर भारत में आम राय सकारात्मक है.
जेटली ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि 51 फीसदी हिस्सेदारी भारतीय हो. अगर मैं प्रौद्योगिकी, पूंजी और विनिर्माण 51 फीसदी भारतीय स्वामित्व में हासिल कर सकता हूं तो मुझे लगता है कि आम भारतीय और राजनीतिक राय इसे ज्यादा सुविधा से स्वीकार करेंगें. रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बलों सहित सरकार के विभिन्न विभागों के साथ विचारविमर्श करने के बाद निर्णय किया गया.