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ये हैं आम आदमी के मुद्दे, क्या मोदी की इंडिपेंडेंस डे स्पीच में मिलेगी जगह?

प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी से मुद्दों की  मांग की है जिसे वह अपने इंडिपेंडेंस डे स्पीच में शामिल कर सकें. जानें बीते दो हफ्तों के दौरान संवाद के अलग-अलग माध्यमों से किस तरह आम जनता ने इस स्पीच के  लिए अपने-अपने मन की बात पीएम को  लिख कर भेजी है.

इंडिया गेट इंडिया गेट
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

हर साल की तरह पीएम मोदी ने इस साल फिर देशभर से लोगों से अपील की है कि वह ऐसे मुद्दे सुझाएं जिसे वह अपनी इंडिपेंडेंस डे स्पीच में शामिल कर सकें. प्रधानमंत्री मोदी ने 31 जुलाई को ट्वीट के जरिए लोगों से मुद्दों की  मांग करते हुए केन्द्र सरकार की  वेबसाइट पर लोगों से मुद्दे रखने के लिए अपील की है. बीते 2 हफ्तों के दौरान केन्द्र सरकार की वेबसाइट माई गॉव डॉट इन पर लगभग 9 हजार लोगों ने प्रधानमंत्री को मुद्दे सुझाए हैं जिनमें से कुछ अहम मुद्दे हैं:'

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-    युवाओं को योग से जोड़ते हुए देशभक्ति की भावना को बढ़ाने का आह्वान कर सकते हैं पीएम मोदी. लाल किले की स्पीच के लिए एक शख्स ने पीएम मोदी को लिखा है कि वह लाल किले से भटक रहे युवाओं को सही दिशा लाने की अपील करें.

-    एक संदेश में पीएम से कहा गया है कि वह सरकारी खर्च पर आईआईटी से पढ़ने वाले ऐसे लोगों के लिए कुछ कहें जो पढ़ने के बाद देश से पलायन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

-    एक शख्स ने पीएम को लिखा है कि वह बताएं कि देश में कैसे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के संसाधन पैदा किए जा सकते हैं. वहीं यह भी जानना चाहा है कि देश में सातवां वेतन आयोग लागू करने का फायदा किसे पहुंचा है. क्या वह सिर्फ वही लोग हैं जो पहले से सक्षम हैं.

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-    एक अन्य शख्स ने पीएम को लिखा है कि देश की बढ़ती आबादी के कारण उपलब्ध संसाधनों का दोहन हो रहा है. देश के भूभाग की अपनी सीमाएं हैं. हर तरफ भीड़ और कृषियोग्य भूमि का सिकुड़ते जाना चिंता का विषय है. इस पर नियंत्रण किया जाना जरूरी है. लिहाजा, ऐसा कानून बनाएं जिससे अधिक बच्चे पैदा करने वालों को सभी सरकारी लाभों से वंचित किया जाए.

-    पीएम मोदी को एक शख्स ने लिखा है कि उन्हें देश से जातिगत आधार पर आरक्षण व्यवस्था के विकल्प की ओर सोचने की जरूरत है. वहीं कोशिश की जानी चाहिए कि आरक्षण पूरी तरह से खत्म हो और सरकार को आर्थिक आधार पर लोगों को सशक्त करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

- पीएम मोदी को एक शख्स ने लिका कि देश को जरूरत है एक नई शिक्षा पद्दति की. मौजूदा शिक्षा व्यवस्था ब्रिटिश हुकूमत की देन है और मौजूदा चुनौतियों से लड़ने के लिए कारगर नहीं है. ऐसे में क्या पूरे देश को एक समान शिक्षा और एक पाठ्यक्रम की तरफ नहीं ले जाया जा सकता है? मौजूदा प्रणाली में इतिहास समेत कई विषयों की शिक्षा छात्रों को भविष्य में रोजगार दिलाने के  लिए कितनी कारगर है?

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-    पीएम मोदी को देश के कई हिस्सों से वन नेशन वन इलेक्शन पर कई सुझाव मिले हैं. इन सुझावों के मुताबिक मौजूदा केन्द्र सरकार का पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराए जानें की दिशा में पहल सराहनीय है. लिहाजा, आम जनता ने पीएम से कहा है कि इस दिशा में वह लाल किले से कोई बड़ा ऐलान करें.

-    देशभर से कई लोगों पीएम मोदी की पहल पर लिखा है कि वह चाहते हैं कि केन्द्र सरकार देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जिससे छेड़कानी और बलात्कार की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके.

-    कुछ लोगों ने पीएम मोदी को स्वच्छता अभियान के लिए बधाई देते हुए कहा है कि अब देश को जरूरत है सफाई के लिए चीन का अनुसरण करे. इस सुझाव के मुताबिक जिस तरह चीन में प्रत्येक घर को घर का कूड़ा वर्गीकृत कर गीला, सूखा और रीसाइकिल में अलग-अलग करने पर कैश प्वाइंट का प्रावधान है, उसी तरह भारत में भी परिवारों को इंसेंटिव देने की जरूरत है.

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