
पाकिस्तान आतंकियों गतिविधियों को समर्थन करने से पीछे नहीं हट रहा है. लेकिन आतंकवाद के समर्थन का ये अड़ियल रुख पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकता है. पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से अमेरिका और भारत की ओर से बयान दिए जा रहे हैं, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोनों देश पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं.
अमेरिका दे रहा है कड़ी चेतावनी
अमेरिका बार-बार पाकिस्तान को चेता रहा है. US ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म नहीं करता है और सुधरता नहीं है, तो उसको सबक सिखाया जाएगा.
अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ एक बार और काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर वह अपने तौर तरीके नहीं बदलता और आतंकी संगठनों को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसके खिलाफ हर जरूरी कार्रवाई को तैयार हैं.
कर देंगे अलग-थलग
मैटिस ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी कि अगर वह अपनी धरती पर आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है, तो उसे वैश्विक स्तर पर ‘राजनयिक रूप से अलग-थलग’ किया जा सकता है. साथ ही उससे गैर-नाटो (MNNA यानी मेजर नान नाटो एलाय) सहयोगी का दर्जा छीना जा सकता है.
वायु सेना बोली - तबाह कर सकते हैं परमाणु केंद्र
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने गुरुवार को कहा था कि भारतीय वायु सेना शॉर्ट नोटिस पर भी युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है. हम अन्य फोर्स के साथ मिलकर युद्ध के लिए बिल्कुल तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है.
दोनों फ्रंट के लिए तैयार
चीन के मुद्दे पर धनोआ ने कहा कि चीन के खिलाफ हमारी क्षमता पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि अगर दो फ्रंट पर लड़ाई होती है तो हमें 42 स्क्वाड्रन की जरूरत होगी. धनोआ ने बताया कि हमारे पास प्लान B तैयार है. अभी तक हमने कभी दो फ्रंट पर एक साथ लड़ाई नहीं लड़ी है.
साथ आए हैं भारत-अमेरिका
गौरतलब है कि चीन की पाकिस्तान से बढ़ती दोस्ती को टक्कर देने के लिए भारत और अमेरिका साथ हैं. हाल ही में अमेरिका ने चीन के वन रोड वन बेल्ट मिशन के तहत बन रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के मुद्दे पर भारत का साथ दिया था. US ने कहा था कि चीन का ये प्रोजेक्ट विवादित क्षेत्र से होकर गुजर रहा है.