
डीएनएस हाइजैक के जरिए 2015 में साइबर हमले का निशाना बनने वालों में भारत पांचवां सबसे बड़ा देश रहा. यह बात एफ-सिक्योर की थ्रेट राउंड अप रिपोर्ट में कही गई है. फिनलैंड की ऑनलाइन साइबर सिक्योरिटी कंपनी एफ-सिक्योर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में हाईजैक के ज्यादातर मामले मामले इटली, पोलैंड, मिस्र, स्वीडन और भारत में दर्ज किए गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दिनों साइबर हमलों में डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस) हाइजैक का सबसे ज्यादा यूज किया जा रहा है. 2015 में अप्रैल से अगस्त के बीच ये हमले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए.
क्या है डीएनएस हाइजैकिंग
इसके जरिए अटैकर कंप्यूटर की IP सेटिंग्स में खतरनाक मैलवेयर इंजेक्ट करके डीएनएस सेटिंग्स को बदल देता है. डीएनएस हाइजैक का मकसद अपने शिकार की डीएनएस कन्फिगरेशन बदल देना है, ताकि उसके इंटरनेट ट्रैफिक पर नजर रखकर और उसमें बदलाव किया जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक, कमजोर पासवर्ड और मैलवेयर से ऐसे हाइजैक आसान हो जाते हैं. डीएनएस हाइजैक तकनीक से अटैकर एक साथ कई यूजर्स को अपना निशाना बना सकते हैं.