
भारत और आसियान के 10 देश समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक तंत्र बनाने पर सहमत हो गए हैं. यह पहल ऐसे समय की गई है, जबकि दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को लेकर क्षेत्र में चिंता जताई जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 आसियान नेताओं के लिए आयोजित सैर सपाटा सत्र के दौरान समुद्री क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए यह तंत्र बनाने पर सहमति बनी.
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नेताओं के बीच समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को तंत्र स्थापित करने की सहमति बनी है. शरण से पूछा गया था कि रीट्रीट या सैर सपाटे के दौरान मोदी और आसियान नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई?
उन्होंने कहा कि नेताओं के बीच समुद्री क्षेत्र में सहयोग बेहतर करने पर चर्चा हुई. साथ ही इसमें परंपरागत और गैर- परंपरागत चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने पर भी सहमति बनी. इसके बाद में 10 आसियान देशों के नेता इंडिया-आसियान कमेमरेटिव (Commemorative) समिट में शामिल हुए.
इस बैठक में भारत और आसियान संबंधों को और विस्तार देने पर चर्चा हुई. समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमति इस नजरिए से महत्वपूर्ण है कि कई आसियान देशों का संसाधन संपन्न दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है.
25 साल में 25 गुना हुआ भारत-आसियान व्यापार
वहीं, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत आसियान व्यापार को और बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान के बीच व्यापार पिछले 25 साल में 25 गुना बढ़कर 70 अरब डालर पहुंच गया है. हम व्यापार संबंधों को और मजबूत बनाएंगे और अपने व्यापार समुदायारों के बीच बीतचीत बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे.
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के बीच डिजिटल संपर्क का नया गठजोड़ बनाएगा. उन्होंने कहा कि 10 सदस्यीय आसियान और भारत के बीच व्यापार 2016-17 में 70 अरब डालर रहा.