
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिन में 4 दौर की बातचीत हो चुकी है. इन मुलाकातों से भारत-चीन के रिश्तों में नए दौर का आगाज माना जा रहा है. शनिवार को मोदी-जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों के बीच इन मुलाकातों से सकारात्मक बातें निकलकर आई हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण रिश्तों पर जोर दिया गया.
अफगानिस्तान में साथ करेंगे काम
सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन के बीच अफगानिस्तान मसले को लेकर अहम बातचीत हुई. भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों देश अफगानिस्तान में साथ मिलकर काम करेंगे. अफगान प्रोजेक्ट में दोनों देशों की आर्थिक भागीदारी होगी. दोनों देशों ने अफगानिस्तान में शांति कायम करने और आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई है, ताकि यहां से आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके.अफगानिस्तान में चीन सबसे बड़ा निवेशक
दरअसल चीन अफगानिस्तान का सबसे बड़ा निवेशक है. चीन ने 2007 में 3 बिलियन डॉलर की डील के तहत अफगानिस्तान के अयनाक में कॉपर माइन को 30 साल की लीज पर लिया था. इस माइन से कॉपर को चीन पहुंचाने में लगभग 6 महीने का समय लगता था लेकिन दोनों देशों ने 2016 में रेलवे लाइन पर समझौता कर कॉरिडोर तैयार कर लिया और अब महज दो हफ्तों में कॉपर को चीन पहुंचाया जा रहा है. इस सफल प्रोजेक्ट के चलते चीन सरकार अफगानिस्तान को तेज आर्थिक विकास का खाका दे रही है.चीन का दावा