
जापान की धरती पर नरेंद्र मोदी के कदम रखते ही भारत और मेजबान के बीच पहला करार हुआ है. इस करार के तहत क्योटो की तर्ज पर काशी को विकसित किया जाएगा यानी बनारस को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा. इस संबंध में क्योटो के मेयर और भारतीय राजदूत के बीच एक समझौता हुआ.
5 दिनों के दौरे पर आज जापान पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ. जापानी पीएम शिंजो आबे ने प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी की अगुवानी की. आबे ने क्योटो के सरकारी गेस्ट हाउस में मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. मोदी ने आबे को तोहफे में श्रीमद्भागवत गीता और विवेकानंद की किताब भेंट की.
वाराणसी और क्योटो के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान सरल बनाने को लेकर भारत और जापान के बीच MoU पर दस्तखत हुआ है. क्योटो-काशी स्मार्ट सिटी प्रोग्राम पर दस्तखत क्योटो के मेयर क्योतो कादोकावा और जापान में भारतीय राजदूत दीपा गोपालन वाधवा के बीच हुआ. इस दस्तखत के गवाह बने पीएम मोदी और उनके समकक्ष शिंजो आबे.
मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी यानी काशी को इसकी सांस्कृतिक धरोहर को बरकरार रखते हुए 21वीं शताब्दी के शहर के तर्ज पर विकसित करना पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब एक बजे एयर इंडिया के विशेष विमान से ओसाका एयरपोर्ट पर उतरे. एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत हुआ. करीब 15 मिनट बाद मोदी क्योटो के लिए रवाना हुए.
मोदी के जापान दौरे पर व्यापार, निवेश से लेकर दोस्ती में नया रंग भरने की कोशिश हो रही है. पीएम के साथ जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में कई उद्योगपति भी शामिल हैं.
वैसे भी मोदी का जापान से पुराना रिश्ता रहा है. मोदी गुजरात के सीएम रहते दो बार जापान की यात्रा कर चुके हैं. मोदी 2007 और 2012 में जापान गए थे. जापानियों की मेहमानवाजी ने मोदी का दिल जीता था. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर जापान में भी उत्साह है. दोनों देशों का आपसी संबंधों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है.