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भारत-नेपाल मिल कर खत्म कराएं मधेसी आंदोलन: रघुवंश प्रसाद

भारत और नेपाल के बीच मधेसी आंदोलन के चलते आई उदासीनता के दौरान राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह चंपारण से काठमांडू तक पैदल यात्रा करेंगे और आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे. सिंह के मुताबिक दोनों देशों के बीच व्यापार में आई कमी भारत सरकार की कूटनीतिक विफलता है.

राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह
सुरभि गुप्ता
  • पटना,
  • 11 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

भारत-नेपाल मैत्री यात्रा के तहत राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सोमवार को सिकटा में कहा कि मधेसी आंदोलन के चलते भारत और नेपाल के बीच व्यापार चौपट हो गया है.

सरकार दे रही तस्करी को बढ़ावा
यह भारत सरकार की कूटनीतिक विफलता है. सिंह ने कहा कि इस मामले में भारत सरकार उदासीनता का शिकार हो चुकी है. दोनों देशों की सरकार मिलजुल कर तस्करी को बढ़ावा दे रही है और सरकारी तंत्र भी तस्करों से मिले हुए हैं.

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दोनों देश खत्म कराएं आंदोलन
भारत और नेपाल के बीच व्यापर संबंध खत्म हो गए हैं. रघुवंश प्रसाद ने कहा कि चंपारण से काठमांडू तक वे पैदल यात्रा करेंगे और आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे. राजद यह कहती है कि सभी राजनितिक दल और बुद्धिजीवी एक साथ आएं और दोनों देशों की सरकार मिलकर इस आंदोलन को समाप्त कराए.

नेपाल में 52 फीसदी हैं मधेसी
गौरतलब है कि नेपाल में नए संविधान को लेकर मधेसियों का आंदोलन जारी है. नेपाल सरकार ने मधेसियों की कुछ मांग को लेकर संविधान में संशोधन का फैसला किया था. अगस्त से जारी भारतीय मूल के मधेसियों के आंदोलन में कम से कम 50 लोगों की जान जा चुकी है. नेपाल की जनंसख्या में मधेसी 52 फीसदी हैं.

 

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