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अगले महीने पाक, चीन के साथ साझा युद्धाभ्यास, भारत से जाएंगे 200 सैन्य अफसर

देश के इतिहास मे यह पहला मौका होगा जब भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ साझा सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे.  अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कभी कोई सैन्य अभ्यास नही हुआ है.  भारतीय सेना सालों से पाकिस्तानी सेना के समर्थन से भारत में भेजे जाने वाले आतंकियों से लड़ती आ रही है. इस साझा युद्धाभ्यास में भारत, पाकिस्तान के अलावा चीन की सेना भी हिस्सा लेगी. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty Images) प्रतीकात्मक फोटो (Getty Images)
विवेक पाठक/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ साझा सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे. अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कभी कोई सैन्य अभ्यास नहीं हुआ है. भारतीय सेना सालों से पाकिस्तानी सेना के समर्थन से भारत में भेजे जाने वाले आतंकियों से लड़ती आ रही है. इस साझा युद्धाभ्यास में भारत, पाकिस्तान के अलावा चीन की सेना भी हिस्सा लेगी.

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गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अंतर्गत इस बार रूस में सैन्य अभ्यास होने जा रहा है. यह साझा सैन्य अभ्यास 22 अगस्त से 29 अगस्त तक रूस के चेल्याबिंस्क बेस पर होगा. पीस मिशन 2018 के नाम से होने वाले इस युद्धाभ्यास में भारत, पाकिस्तान, चीन के साथ रूस, किर्गीस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित सभी सदस्य राष्ट्र हिस्सा लेंगे.

भारतीय सेना के 200 सैनिकों का दल इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने अगले महीने की 16 तारीख तक पहुंचेगा. जिसमें भारतीय सेना के 5 राजपूताना रायफल्स के 170 और वायुसेना के 30 अफसर शामिल होंगे. भारतीय वायुसेना के दो मालवाहक जहाज आईएल-76 भी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत करने के लिए SCO के सदस्य देश एक दूसरे के साथ अपनी रणनीति साझा करेंगे. भारत और पाकिस्तान भले ही इस युद्धाभ्यास का हिस्सा है लेकिन समापन के अलावा एक साथ एक पूल में रहकर रणनीति को साझा करें ऐसा कहना मुश्किल है.

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बता दें कि भारत और पाकिस्तान साल 2005 में SCO के अस्थाई सदस्य बने थे और पिछले साल ही इन्हें स्थाई सदस्यता मिली है. SCO  का साझा सैन्य अभ्यास साल में दो बार आयोजित होता है. इसके अलावा भारत चीन के साथ पहले से ही हैंड इन हैंड अभ्यास करता रहा है. लेकिन पिछले साल डोकलाम विवाद के चलते इस अभ्यास को स्थगित कर दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान में हुई बातचीत के बाद इस साल यह साझा अभ्यास फिर से शुरू होगा. 

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