
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच मंगलवार से एडिलेड में शुरू हो रहा है. हालांकि यह मैच 4 दिसम्बर से ब्रिसबेन में खेला जाना था, लेकिन फिल ह्यूज की आकस्मिक मौत के कारण इसे एडिलेड शिफ्ट कर दिया गया था. टीम इंडिया जहां अपने रेगुलर कप्तान एमएस धोनी के बिना मैदान में उतरेगी, वहीं कंगारू कप्तान माइकल क्लार्क हैमस्ट्रिंग की चोट से उबर चुके हैं और उनके खेलने की पूरी संभावना है.
इसमें कोई शक नहीं कि फिल ह्यूज की मौत ने न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया को बल्कि पूरे क्रिकेट जगत को झकझोर के रख दिया. खासकर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क गहरे सदमे में नजर आए. लेकिन ह्यूज के नाम अपने अंतिम संबोधन में क्लार्क ने कहा था कि 'वी मस्ट प्ले ऑन'. ऐसे में ह्यूज की मौत के गम को भुलाकर दोनों टीमें एक नई शुरुआत करने को तैयार हैं.
तेज गेंदबाज लगाएंगे टीम इंडिया की नैय्या पार
इस बार भारत का पेस अटैक पहले से कहीं बेहतर नजर आ रहा है. वरुण एरोन, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार काफी बेहतरीन फॉर्म में हैं. हालांकि प्रैक्टिस मैचों के आधार पर बात करें तो भारत मोहम्मद शमी, वरुण एरोन और ईशांत शर्मा को लेकर मैदान में उतर सकता है. अगर सभी भारतीय गेंदबाज इस सीरीज में फिट रहे तो निश्चित रूप से कंगारूओं की राह आसान नहीं होगी. साथ ही एडिलेड की पिच पर स्पिनर्स का भी काफी अहम रोल रहेगा.
कोहली के कंधे पर दोहरी जिम्मेदारी
धोनी के अनफिट होने के कारण विराट कोहली पहली बार टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे. धोनी की जगह पर रिद्धिमान साहा को टीम में शामिल किया जाएगा. विराट कोहली के लिए एडिलेड का मैदान बेहद खास रहा है. पिछले दौरे के दौरान कोहली ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक इसी मैदान पर बनाया था. कोहली से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो रहेगी ही, इनके साथ साथ अन्य बल्लेबाजों को भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा. खासकर अगर सलामी बल्लेबाज अगर भारत को अच्छी शुरुआत देने में कामयाब रहे तो सीरीज बेहद दिलचस्प रहेगी.
क्या क्लार्क के प्रदर्शन पर दिखेगा ह्यूज की मौत का असर?
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि माइकल क्लार्क इस समय ऑस्ट्रेलिया के सबसे भरोसेमंद क्रिकेटर हैं. भारत के खिलाफ इनका रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. लेकिन फिल ह्यूज की मौत के बाद जिस गम में क्लार्क दिखे थे क्या उसका असर उनके खेल में तो नहीं दिखेगा. यह सवाल हर क्रिकेट प्रेमी के मन में है. अगर एडिलेड की बात करें तो इस मैदान पर क्लार्क का बल्ला खूब चला है. क्लार्क ने यहां 9 टेस्ट मैचों में 98.38 की शानदार एवरेज से 1279 रन बनाए हैं. जिसमें 6 शतक भी शामिल हैं. एक बार फिर भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्लार्क से पार पाने की रहगी. साथ ही डेविड वार्नर, स्टीवन स्मिथ और शेन वाटसन पर भी लगाम लगाना बेहद जरूरी होगा.
ऑस्ट्रेलियाई पेस बैटरी सबसे बड़ा खतरा
फिल ह्यूज की मौत बेशक बाउंसर से हुई लेकिन पहले टेस्ट से पूर्व मिशेल जॉनसन ने साफ कर दिया है कि उनके गेंदबाज बाउंसर मारने में कतई हिचकिचाहट नहीं दिखाएंगे. इस बयान के आते ही सीरीज में थोड़ी गर्मी बढ़ गई है. ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास मिशेल जॉनसन, पीटर सिडल और रायन हैरिस जैसे गेंदाज हैं जो टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. इन गेंदबाजों को सफलतापूर्वक खेलने के अलावा एक और चुनौती टीम इंडिया के सामने है. अक्सर ऐसा होता है कि जब तेज गेंदबाजों के खिलाफ रन नहीं बनते तो रन गति तेज करने के चक्कर में बल्लेबाज स्पिनर के झांसे में फंस जाते हैं, ऐसे में इससे बचने की चुनौती भी टीम के सामने है.
ऑस्ट्रेलिया में आसन नहीं रही है टीम इंडिया की राह
भारतीय टीम ने जब-जब ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है उनकी राह आसान नहीं रही है. यह पांचवां मौका है जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने के लिए टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में है. इससे पहले चार दौरों में सीरीज जीत का सपना तो सपना ही रहा है, भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सिर्फ 2 मैच जीते हैं.
ह्यूज को दी जाएगी श्रद्धांजलि
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भारत और आस्ट्रेलिया के बीच नौ दिसंबर से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से दिवंगत बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को अलग अलग तरीके से श्रद्धांजलि देगा. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैच के लिए अपनी शर्ट पर ह्यूज का टेस्ट कैप नंबर 408 पहनेंगे. खिलाड़ी और टीम प्रबंधन बांह पर काली पट्टी भी बांधेंगे. खेल शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय टीमें एडीलेड ओवल के बीच में लिखे गए 408 पर खड़ी होंगी.
पिच और कंडीशन:
एडिलेड का इतिहास है कि यहां स्पिनरों का बहुत अहम किरदार रहा है. शुरुआत में थोड़ी मदद तेज गेंदबाजों के लिए रहेगी लेकिन इसके बाद पिच बल्लेबाजी के लिए काफी अनुकूल हो जाएगी. लेकिन जैसे जैसे खेल आगे बढ़ेगा स्पिनर को मदद मिलना शुरू हो जाएगी. जहां तक मौसम का सवाल है तो सभी पांच दिनों के लिए साफ मौसम की भविष्यवाणी की गई है.