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चीन की सरहद तक नॉनस्टॉप रोड, लद्दाख में 32 सड़कों के निर्माण को रफ्तार

लद्दाख रीजन में तीन प्रमुख रास्तों का निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक आईसीबीआर फेज़-2 यानी इंडो चाइना बार्डर रोड पर दूसरे चरण में 32 सड़कों का निर्माण होना है. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से और ज्यादा गति दी जाएगी.

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना का काफिला (फोटो-पीटीआई) श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना का काफिला (फोटो-पीटीआई)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2020,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

  • गृह मंत्रालय में अहम बैठक
  • लद्दाख में बनाए जा रहे हैं 32 सड़क
  • सरहद से सटे गांवों में बुनियादी विकास
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा तक भारतीय सैनिकों के पहुंच को सहज और सुगम बनाने के लिए भारत सरकार अब तेजी से काम कर रही है. गलवान में चीनी विश्वासघात के बाद गृह मंत्रालय ने इस काम में और तेजी ला दी है.

गृह मंत्रालय में सोमवार को भारत चीन बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में बीआरओ, आईटीबीपी, सीपीडबल्यूडी और गृह मंत्रालय के अधिकारी मौजूद हैं.

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चीन की सीमा पर 32 सड़कों का निर्माण

इस मुद्दे को लेकर गृह मंत्रालय में एक सप्ताह में ये दूसरी बैठक है. सरकार चाहती है कि 32 सड़कों का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इस बाबत केन्द्र सरकार ने विस्तृत योजना बनाई है.

पढ़ें- चीन पर मोदी सरकार को मनमोहन ने चेताया- 'झूठ के आडंबर से सच नहीं दब सकता'

BRO को मिली अहम जिम्मेदारी

लद्दाख रीजन में तीन प्रमुख रास्तों का निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक आईसीबीआर फेज़-2 यानी इंडो चाइना बार्डर रोड पर दूसरे चरण में 32 सड़कों का निर्माण होना है. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से और ज्यादा गति दी जाएगी.

पढ़ें- गलवान में चीन के कितने सैनिक मरे, बीजिंग की चुप्पी से चीनी जनता में आक्रोश

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कुल 73 सड़कों का होना है निर्माण

सूत्र के मुताबिक भारत-चीन बॉर्डर रोड पर कुल 73 सड़कें बननी हैं. इसमें 12 सड़कों पर सीपीडब्ल्यूडी काम कर रहा है और 61 सड़कों पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन काम कर रहा है.

भारत अब चीन से सटे इलाकों में अपनी गतिविधियां तेज कर रहा है. यहां पर सड़कों के अलावा सीमावर्ती गांवों में बिजली, रोजगार के साधन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने पर प्राथमिकता दी जाएगी.

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