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दुष्प्रचार पर विदेश मंत्रालय का पलटवार, गलवान पर चीन का दावा सरासर गलत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेना एलएसी पर लंबे समय से लगातार पेट्रोलिंग भी कर रही है. भारत ने अपनी सीमा के भीतर ही सभी निर्माण कार्य किया है.

फाइल फोटो - Getty Images फाइल फोटो - Getty Images
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:54 PM IST

  • विदेश मंत्रालय ने कहा- मई से ही भारत की पेट्रोलिंग में रोड़ा अटका रहा था चीन
  • भारत ने अपनी सीमा के भीतर किया निर्माण कार्य, एलएसी पार नहीं की कार्रवाई

चीन के दुष्प्रचार पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा पलटवार किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. चीन मई 2020 से ही भारत की पेट्रोलिंग में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन का दावा स्वीकार नहीं है.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी समेत सभी इलाकों की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से भारतीय सेना परिचित है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर जगह एलएसी का पूरा पालन करती है. भारत ने एलएसी के पार कभी एक्शन नहीं लिया है और गलवान घाटी को लेकर चीन का दावा सरासर गलत है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेना एलएसी पर लंबे समय से लगातार पेट्रोलिंग भी कर रही है. भारत ने अपनी सीमा के भीतर ही सभी निर्माण कार्य किया है. गलवान घाटी में चीन मई 2020 से भारतीय सेना की पेट्रोलिंग रोकने की कोशिश कर रहा है. इसके चलते गलवान घाटी पर चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध हुआ था. इसके बाद दोनों देशों के ग्राउंड कमांडरों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल्स के तहत विवाद सुलझाने की कोशिश की थी.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन का यह दावा पूरी तरह गलत है कि भारत गलवान घाटी पर यथास्थिति को बदल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत गलवान घाटी पर यथास्थिति को बनाए हुए है.

उन्होंने कहा कि एलएसी पर चीनी सेना की करतूत के चलते पैदा हुए विवाद को डिप्लोमेटिक और मिलिट्री चैनल के जरिए सुलझाने की कोशिश शुरू की गई थी. 6 जून 2020 को दोनों देशों के सीनियर कमांडरों ने मुलाकात की थी और सीमा पर तनाव कम करने राजी हुए थे. साथ ही एलएसी को मानने और इलाके की यथास्थिति को बदलने वाले कदम नहीं उठाने को सहमत हुए थे. हालांकि चीन ने इसका पालन नहीं किया और जब भारत ने उसके मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया, तो चीनी सेना हिंसक हो गई.

विदेश मंत्रालय के बयान को चाइनीज सोशल मीडिया पर किया ब्लॉक

गलवान घाटी को लेकर चीन के दुष्प्रचार का भारत लगातार जवाब दे रहा है. इससे पहले जब भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के दुष्प्रचार का करारा जवाब दिया, तो चीन की सरकार को रास नहीं आया. उसने विदेश मंत्रालय के बयान को चाइनीज सोशल मीडिया यानी WeChat और Weibo पर ब्लॉक कर दिया था. भारतीय मिशन ने Weibo पर किए गए ऑरिजनल पोस्ट के स्क्रीनशॉट को स्पष्टीकरण के साथ सामने रखा है.

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