
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है. दोनों देशों की सेनाएं सामने आमने-सामने खड़ी हैं. दोनों देशों ने हथियारों के साथ ही भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती कर दी है. 19 जून को सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को आधार बनाकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खूब सवाल दागे.
विपक्ष के सवालों से घिरी केंद्र सरकार को पीएम के बयान पर सफाई देनी पड़ी थी. अब मोदी सरकार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी का साथ मिला है. जगन ने ट्वीट कर सर्वदलीय बैठक को लेकर उत्पन्न विवाद पर चिंता जताई और कहा कि यह समय सेना के साथ एकता और मजबूती दिखाने का है. कमियां ढूंढने का नहीं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने सर्वदलीय बैठक में संतोषजनक जवाब दिए. देश इस मुद्दे पर एकजुट है और होना भी चाहिए. एकता से ताकत, बंटने से कमजोरी प्रदर्शित होगी. मुख्यमंत्री जगन ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पूरा समर्थन देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि सरकार को अपेक्षित परिणाम मिलेंगे.
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगन रेड्डी ने कहा कि भारत आज अपने कूटनीतिक कौशल और दूरदर्शिता का उपयोग करते हुए दुनिया में आर्थिक और कूटनीतिक पावरहाउस बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि हमारी प्रगति से कुछ देशों को ईर्ष्या भी है और वे देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने हर बार ऐसी कोशिशों पर विजय पाई है, इस बार भी पाएंगे.
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार बुद्धिमानी और अंतरराष्ट्रीय राजनयिक संबंधों के जरिए इस विवाद का भी हल निकाल लेगी. परीक्षा की इस घड़ी में अपनी पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के रूप में हम आपके साथ हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कूटनीतिक कौशल की भी खुलकर प्रशंसा की और कहा कि हमने पुलवामा हमले, मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने और कुलभूषण केस में आपकी सफलता को देखा है. हाल ही में भारत 192 में से 184 वोट के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया.
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जगन ने कहा है कि परमाणु युग में युद्ध अकेले सेना ही नहीं लड़ती, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय दबाव और प्रतिबंधों से भी लड़े जाते हैं. बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन की सेना के बीच 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे.