Advertisement

चीन बॉर्डर पर ऑपरेशन मिडनाइट, वायुसेना ऐसे रख रही है LAC पर नजर

चीन की फितरत को देखते हुए भारत की सेना पूरी तरह चाक-चौंबंद और चौकन्ना है. चौकसी का ये आलम है कि वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी आसमानी सरहद पर गश्त लगा रहे हैं.

अपाचे हेलिकॉप्टर अपाचे हेलिकॉप्टर
मंजीत नेगी
  • लेह,
  • 07 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

  • चीन सीमा के फॉरवर्ड एयरबेस पर पहुंचा आजतक
  • चीन पर सुखोई, मिग, अपाचे हेलिकॉप्टर रख रहे हैं नजर

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन ने कदम तो पीछे खींच लिए हैं, लेकिन चीन की फितरत को देखते हुए भारत की सेना पूरी तरह चाक-चौंबंद और चौकन्ना है. चौकसी का ये आलम है कि वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी आसमानी सरहद पर गश्त लगा रहे हैं. सुखोई, मिग जैसे युद्धक विमान लगातार आसमानी सीमा की निगरानी कर रहे हैं.

Advertisement
वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई और मिग-29 समेत कई लड़ाकू विमान दुश्मन पर नजर रखने के लिए लगातार उड़ान भर रहे हैं. इसी तरह से वायुसेना के हेलीकॉप्टर अपाचे, चिनूक और मी-17 भी मिशन में लगे हुए हैं. आजतक की टीम रात को 8 बजे फॉरवर्ड एयरवेस पर पहुंची. उस वक्त वायुसेना के ग्राउंड स्टाफ लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टर को तैयार कर रहे थे.

15 डिग्री तापमान और तेज बर्फीली हवाओं के बीच वायुसैनिक सरहद की निगरानी के इस मिशन में जुटे हुए थे. यहां पर तैनात सैनिक दोहरी चुनौती से निपट रहे हैं. एक तरफ बर्फीले मौसम की दुश्वारियां और दूसरी तरफ दुश्मन पर कड़ी नजर रखने की चुनौती. रात के मिशन पर जाने से पहले ग्राउंड स्टाफ अपाचे हेलिकॉप्टर को तैयार कर रहे हैं.

अपाचे हेलिकॉप्टर रिफ्यूल किया जा रहा है साथ ही मिसाइल, मशीनगन, रडार और सभी मशीनों को चेक किया जा रहा है. धीरे-धीरे इंजन स्टार्ट होता है और रोटर घूमना शुरू हो जाता है. इसके साथ ही जैसे ही ग्राउंड स्टाफ हरी झंडी देता है, रात के अंधेरे में अपाचे हेलीकॉप्टर अपनी उड़ान शुरू कर देता है.

Advertisement

अपाचे हेलीकॉप्टर दुनिया का बेहतरीन लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है और खासतौर से यह माउंटेन वार फेयर के लिए बहुत बेहतरीन है।.अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान के ऊंचे पहाड़ों में तालिबान के खिलाफ कर रही है. इस वक्त लद्दाख में चीन से लगने वाली 1200 किलोमीटर लंबी एलएसी पर भारत के हजारों जवान तैनात हैं.

ऐसे में रात के वक्त किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर फॉरवर्ड एयरबेस से उड़ान भरता है और अगर जवानों को राशन-हथियार की कोई भी जरूरत होती है तो न सिर्फ दिन बल्कि रात में भी उसे पूरा करता है. रात का ऑपरेशन आसान नहीं होता है. खासतौर से 12000 से लेकर 18000 की ऊंचाई पर ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां होती हैं.

एक बार उड़ान भरने पर ये हेलीकॉप्टर करीब 40 मिनट तक फॉरवर्ड इलाकों में निगरानी का काम करते हैं. उसके बाद वापस एयरबेस पर लौट आते हैं. हेलिकॉप्टर के बाद सुखोई लड़ाकू विमान का नाइट ऑपरेशन शुरू हुआ. भारतीय वायुसेना के बेड़े में सुखोई सबसे ताकतवर और बेहतरीन लड़ाकू विमान .

मौजूदा हालात में सरहद पर सुखोई लड़ाकू विमान चीन की हर हरकत का माकूल जवाब देने के लिए तैयार हैं. रात के अंधेरे में वायुसेना के मुताबिक रात के ऑपरेशन में दुश्मन को चौंकाने का एक बहुत बड़ा कारण होता है, इसीलिए नाइट ऑपरेशन की बहुत अहमियत होती है.

Advertisement

PM ने जिस नीमू का किया था दौरा, वहां पहुंचा आजतक, हो रहा पुल-सड़कों का निर्माण

अपने देश की हिफाजत के लिए भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट तैयार है. फॉरवर्ड एयरबेस पर आजतक से बात करते हुए एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन कहा कि भारतीय वायुसेना का हर योद्धा हर परिस्थिति पर ऑपरेशन करने में सक्षम है और हम हर परिस्थिति में अपने लक्ष्य को भेदने के लिए तैयार हैं.

एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन कहा कि इस एयरबेस की स्थिति हमें पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर एक साथ युद्ध करने की क्षमता प्रदान करती है. इसके साथ ही आजतक की टीम नीमू भी पहुंची. नीमू वही जगह है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लेह दौरे के दौरान पहुंचे थे और जमीनी हकीकत से रूबरू हुए थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement