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चीनी सेना के टेंट में आग से भड़की थी हिंसा, गलवान झड़प पर वीके सिंह का बड़ा खुलासा

केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने चीन की धोखेबाजी पर बड़ा बयान दिया है. वीके सिंह ने बताया कि गलवान घाटी में 15 जून की रात कैसे खूनी झड़प हुई. कैसे चीन ने चालबाजी की

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह केंद्रीय मंत्री वीके सिंह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

  • 15 जून को गलवान में हुई थी खूनी झड़प
  • हमारे 20 जवान हो गए थे शहीद, 76 घायल

केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने चीन की धोखेबाजी पर बड़ा बयान दिया है. वीके सिंह ने बताया कि गलवान घाटी में 15 जून की रात कैसे खूनी झड़प हुई? कैसे चीन ने चालबाजी की, लेकिन ये दाव चीन को उल्टा पड़ गया. वीके सिंह ने कहा कि हमारे जवान चीनी सेना के पोजिशन देखने गए थे.

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पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि 15 जून की शाम को हमारे कमांडिंग अफसर गलवान वैली में देखने गए थे कि चीन के लोग वापस गए या नहीं. कमांडिंग अफसर ने देखा कि चीन के लोग वापस नहीं गए हैं. वो पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 के नजदीक ही दिखाई दे रहे हैं. हमसे इजाजत लेकर चीनी सेना ने वहां तंबू लगया था.

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केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के मुताबिक, चीनी सेना ने तंबू भारतीय सेना से इजाजत लेकर लगाया था, ताकि वो देख सके कि हम पीछे गए या नहीं. 15 जून की शाम को चीनी सेना ने यह तंबू नहीं हटाया था. इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच कहासुनी हुई. हमारे कमांडिंग अफसर ने तंबू हटाने का आदेश दिया. चीनी सैनिक जब तंबू हटा रहे थे, तभी आग लग गई.

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केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीनी सेना के तंबू में आग लगने के कारण झड़प हो गई. इस झड़प के दौरान हमारे लोग चीनी सेना के उपर हावी हो गए. चीन ने अपने और लोग बुलाए और हमारे लोगों ने भी अपने और लोग बुलाए. चीन के लोग जल्दी आ गए, फिर हमारे लोग आए. अंधेरे में 500 से 600 लोगों के बीच झड़प हुई.

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पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने कहा कि चीन के लोग सोचकर आए थे कि भारतीय सेना पर हावी हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले हमारे तीन लोग हताहत हुए थे. फिर हमारे और चीनी सैनिक नदी में गिर गए थे. चोट और नदी में गिर जाने के कारण हमारे और 17 जवान शहीद हो गए. 70 के करीब घायल हो गए थे.

चीन पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन कभी नहीं बताएगा कि कितने लोग हताहत हुए. कितने लोग मरे या नहीं मरे. जिस तरीके से हमारे लोगों ने चीनी सैनिकों को जवाब दिया था, उससे लगता है कि शुरू में 40 से अधिक चीनी सैनिकों के हताहत की जो संख्या आई थी, वह संख्या सही थी. उससे ज्यादा हो सकते हैं.

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मौजूदा हालात के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि अभी भी चीन के सैनिक पीपी-14 के उस तरफ हैं और हमारे सैनिक भी इस तरफ हैं. दोनों ओर से तैनाती है. हमारी सेना की कोशिश है कि चीन के आगे नहीं आने देना है और श्योक के साथ-साथ की सड़क पर उनकी नजर न पड़ने देना है.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन की एक खासियत रही है कि वह हमेशा अपने क्लेम लाइन को आगे बढ़ा-चढ़ाकर बताता है. उनके प्रधानमंत्री ने 1959 में हमारे प्रधानमंत्री को एक नक्शा दिया था. इस नक्शे को आप जमीन पर उतारने की कोशिश करेंगे तो दिक्कत होती है.

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पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने कहा कि गर्मियों के मौके पर जब पेट्रोलिंग ज्यादा होती है तो दोनों देश की सेनाएं कई बार आमने-सामने आती रहती हैं. पिछले 5-6 साल से धक्कामुक्की शुरू हो गई है. वह कहते हैं कि हमको आगे जाना है तो हमारे लोग रोकते हैं. चीन हमेशा धक्का-मुक्की करता रहता है.

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