
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त चीन दौरे पर हैं, लेकिन इसी बीच खबर आई है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को भारत पहुंच रहे हैं. भारत और चीन के बीच शुक्रवार-शनिवार को दूसरी इन्फॉर्मल समिट होगी, इस बैठक का कोई एजेंडा तो नहीं होगा लेकिन सभी मसलों बात भी होगी. चीन ने अब आतंकवाद के मोर्चे पर भारत का साथ देने की भी ठान ली है. भारत-चीन दोनों ही इसी दिसंबर में एंटी-टेरर एक्सरसाइज़ कर सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की होने वाली इस इन्फॉर्मल बैठक में आतंकवाद पर खुलकर बात होगी. भारत की ओर से चीन के सामने आतंकवाद, टेरर फंडिंग, उसका सोर्स और आतंक का समर्थन समेत कई मुद्दे उठाए जाएंगे. जाहिर है कि भारत की ओर से हर बार पाकिस्तानी समर्थित आतंकवाद की पोल खोली जाती है.
अब दिसंबर में भारत और चीन की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए साथ में एक्सरसाइज़ करेंगे.
पाकिस्तान की नीति पर जोर का झटका!
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से चीन पाकिस्तान का हर मसले पर साथ दे रहा है, फिर चाहे वह मसूद अजहर को बचाना हो या फिर हाल ही में जम्मू-कश्मीर का विवाद ही क्यों ना हो. चीन ने कई बार पाकिस्तान का साथ दिया है, कई बार उसे बचाया भी है. लेकिन अब जब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर बढ़ रही है तो एक बार फिर चीन को भारत की याद आ रही है.
क्या भारत-चीन के बीच होगा समझौता?
हालांकि, ये भी बात सामने आ रही है कि इस दौरे पर कोई आधिकारिक समझौता नहीं होगा. भारत और चीन के बीच होने वाली ये बैठक इन्फॉर्मल है जिस तरह 2018 में वुहान में हुई थी. इस बैठक के दौरान दोनों देश के नेता बिना किसी एजेंडे के किसी भी मसले पर बात करेंगे.