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उरी-पुलवामा हमले के बाद भी सरकार ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक, लिया था बड़ा एक्शन

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प पर मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

चीन मसले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक चीन मसले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
अशोक उपाध्याय
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

  • चीन मसले पर सर्वदलीय बैठक करेंगे पीएम मोदी
  • 19 जून की शाम पांच बजे सभी से चर्चा
भारत और चीन के बीच पिछले कई दिनों से जारी तनाव अब चरम पर है. इसी संकट पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. 19 जून की शाम पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल लिंक के जरिए बड़े राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से बात करेंगे. इस दौरान मौजूदा हालात की जानकारी दी जाएगी.

आपको बता दें कि इससे पहले जब उरी में आतंकवादी हमला हुआ था और पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. तब भी मोदी सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी.

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लद्दाख में LAC पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, चीन के 43 सैनिक हताहत

पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला किया था, जिसमें CRPF के 45 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद 16 फरवरी को तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई थी. इस बैठक में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पूरी जानकारी दी गई थी और भारत के कदम के बारे में बताया गया था.

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. वायुसेना ने बालाकोट स्थित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के अड्डों को तबाह कर दिया था.

इसके अलावा 2016 में जब उरी में भारतीय सेना के कैंप पर हमला हुआ था, तब भी सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. बता दें कि उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने बॉर्डर पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और आतंकियों की पोस्ट को तबाह कर दिया था.

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अब जब चीन के साथ भारत के रिश्ते बिगड़े हैं और 20 जवान शहीद हो गए हैं. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी मांग की थी और सरकार की स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.

गौरतलब है कि अभी तक इस मसले में सेना की ओर से आधिकारिक बयान आया है, जिसमें 20 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की गई है. ऐसा करीब 45 साल के बाद हुआ है, जब भारत-चीन के बॉर्डर पर जवानों की जान गई है.

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