
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी विवाद के बीच, भारत ने चीन के सात एयरबेस ठिकानों पर बारीकी से नजर बना रखी है. क्योंकि इन चीनी एयरबेसों पर पिछले कुछ हफ्तों में गतिविधियां बढ़ी हैं.
केंद्र सरकार के जुड़े शीर्ष सूत्रों ने आजतक को बताया कि शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त सैन्य क्षेत्र में स्थित सात चीनी सैन्य ठिकानों पर सैटेलाइट और सर्विलांस से जुड़े अन्य माध्यमों के जरिए नजर रखी जा रही है. सूत्रों ने बताया कि सात एयरबेस में छह एयरबेस ऐसे हैं जो चीनी कंपनियों द्वारा स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान और बमवर्षक विमानों के बेस हैं.
भारत की नजर लद्दाख के विपरीत उन तीन हवाई ठिकानों पर भी है जो होटन, गरगांसा और काशगर में हैं. सूत्रों ने बताया कि होपिंग, कोंका जोंग, लिंझी और पंगत अन्य सैन्य ठिकाने हैं.
बॉर्डर पर चीनी आक्रामकता को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान दोनों देशों से सटी सीमाओं पर भारी तैनाती कर रखी है.
18वें दौर की बातचीत
दूसरी ओर, भारत और चीन के बीच गुरुवार को सीमा विवाद को लेकर 18वें दौर की बैठक हो रही है. 'वर्किंग मेकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन' (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में दोनों देश लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
लद्दाख के सीमाई इलाके में जारी दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर यह बैठक होने जा रही है. भारत चाहता है कि लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से चीन अपनी फौज हटा दे.
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सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि दोनों देशों के बीच आज गुरुवार, 20 अगस्त को राजनयिक स्तर की वार्ता होगी. कोरोना महामारी को देखते हुए यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है. भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) नवीन श्रीवास्तव शिरकत करेंगे तो चीन की ओर से विदेश मंत्रालय में सीमा विभाग के महानिदेशक शामिल लेंगे.
लद्दाख के फिंगर इलाके में पिछले कई महीनों से चीन की सेना जमी हुई है. इसे लेकर भारत की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है. लिहाजा दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के सामने डटी हैं. इस तनाव को कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई दौर की वार्ता हो चुकी है.
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हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद भी फिंगर एरिया, देप्सांग और गोर्गा इलाके में तनाव बना हुआ है जबकि इसे खत्म करने के लिए कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता हो चुकी है. पूर्वी लद्दाख में पहले की स्थिति बहाल करने के लिए भारत की ओर से कोशिशें जारी हैं.