
ग्लोबल साइबर अटैक से पूरी दुनिया हलकान है. शुक्रवार की शाम के बाद दुनिया भर के करीब 74 देशों के हजारों कम्प्यूटर इस सायबर हमले की चपेट में आ गए. भारत भी इस हमले से अछूता नहीं रहा. साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल के मुताबिक इस तरह का वैश्विक साइबर आक्रमण इतिहास में पहली बार हुआ है.
क्या है रैंसमवेयर कंप्यूटर वायरस
रैंसमवेयर एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जो आपकी इजाजत के बगैर आपके कंप्यूटर में घुस जाता है. आपके कंप्यूटर में जितनी भी जानकारी होती है, वो उस पर ताला लगा देता है और आप को कहता है कि आप बिटकॉइन पर 300 से 600 डॉलर फिरौती की रकम जमा कीजिए तो मैं आपको ताले की चाबी दूंगा. अगर आपने वो फिरौती दे दिया तो वह आपको एक्सेस दे देते हैं और आप डाटा एक्सेस कर पाते हैं अगर आपने फिरौती नहीं दिया तो सदैव के लिए वह डाटा आपके हाथों से चला जाता है.
इतिहास का सबसे बड़ा साइबर हमला
साइबर एक्सपर्ट्स पवन दुग्गल के मुताबिक अभी तक हमने रैंसमवेयर के लोकल अटैक देखे थे जिसमें किसी कंपनी को टारगेट कर दिया गया हो. लेकिन पहली बार इतिहास में ऐसा हुआ है कि दुनिया के 100 राष्ट्रों में हजारों लाखों कंप्यूटर्स को एकसाथ टारगेट किया गया है. इससे होने वाले नुकसान का अनुमान लगाया नहीं जा सकता लेकिन पवन दुग्गल के मुताबिक करोड़ों का नुकसान ग्लोबल लेवल पर हो चुका है. हैरानी की बात है कि सभी देश उस वक्त सो रहे थे. जब इस तरह का ग्लोबल साइबर अटैक हुआ जब इन राष्ट्रों को सबसे ज्यादा ध्यान साइबर सुरक्षा की तरफ देना चाहिए था.
कैसे करें इस वायरस की पहचान
इस वायरस को पहचानने के बहुत आसान तरीके हैं. पहला अगर आप अपना कंप्यूटर खोलें और अगर आपका कंप्यूटर सही चल रहा है तो पहला संदेश इस बात का कि आपका सिस्टम सुरक्षित है लेकिन अगर आप अपना कंप्यूटर खोलते हैं और अगर आपके स्क्रीन पर कंप्यूटर खोलते ही एक ऑरेंज कलर की विंडो आ जाती है और वह यह कहता है कि सारी फाइलों को लॉक कर दिया गया है. उसमें संदेश दिया जाता है कि अगर आपको अपना कंप्यूटर खोलना है तो दिए गए लिंक पर यानी बिटकॉइन पर फिरौती की रकम जमा कर दें. खास बात यह है कि इस विंडो पर यूजर को यह सहूलियत दी गई है कि आपको जिस भाषा में काम करना है. आप उस भाषा का चयन कर सकते हैं. अंग्रेजी के साथ तमाम दूसरी विदेशी भाषाओं का भी विकल्प विंडो में दिया गया है.
इस साइबर क्रिमिनल ने आपको एक कांटेक्ट नंबर की भी सुविधा दे रखी है, अगर आपको पेमेंट के लिए किसी भी तरह की मदद की जरूरत है तो उसके लिए भी एक कांटेक्ट दिया गया है. साथ ही एक रेड वॉर्निंग भी दी गई है. जिसमें सीधे-सीधे चेतावनी दी गई है कि अगर आपने इसे खोलने की कोशिश की तो आप की सारी फाइलें सारा डाटा बेस करप्ट हो जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो आप अपने सिस्टम के किसी भी फाइल डाटा या इंफॉर्मेशन को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
आखरी नहीं है ये हमला
मतलब साफ कि आपका कंप्यूटर अगर साइबर अटैक का विक्टिम बन गया तो फिर आपकी महत्वपूर्ण जानकारी का अगर अपने बैकअप नहीं लिया है तो फिर आप उसे दुबारा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. एक्सपर्ट के मुताबिक ये पहला अटैक है लेकिन ये आखिरी अटैक नहीं है. इसीलिए अब ये साइबर अटैक तेज़ी से डिजिटल होती दुनिया के लिए एक वेक-अप कॉल यानी खतरे की घंटी है.
ऐसे ख़तरनाक वायरस से बचने के लिए ये हैं कुछ टिप्स-
1. आप अपने डाटा का बैक उप जरूर लेकर रखें.
2. अगर आप माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसकी अंदर कुछ खामियां हैं. जिसे रोकने के लिए कंपनियों ने कुछ पैचेस का एलान किया है, उन पैचेस के जरिये अपने सिस्टम को अपडेट कर लीजिए.
3. एक अच्छा एंटी वायरस डालें.
4. ट्रांसिक्शन करें तो सिक्योर वेबसाइट पर करें.
5. बहुत सारे ईमेल्स आते हैं जो कई लुभावने ऑफर्स लाते हैं उन्हें ना खोलें.
6. साइबर सिक्योरिटी को लेकर थोड़ा जागरूक रहें.