
बेहतर मानसूनी बारिश होने पर देश की विकास दर 7.5 फीसदी से बेहतर रह सकती है. यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही. जेटली ने वाशिंगटन में बुधवार को अमेरिकी थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. जेटली अमेरिका के सात दिवसीय दौरे पर हैं.
जेटली ने कहा, 'वैश्विक मानक के मुताबिक 7.5 फीसदी विकास दर की संभावना पर यह सवाल उठता है कि क्या हम सही प्रदर्शन कर रहे हैं. जवाब है हां. लेकिन हमारी अपनी जरूरत के मुताबिक अगर यह पूछा जाए कि क्या हम सही प्रदर्शन कर रहे हैं. मुझे लगता है कि हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.'
जेटली ने कहा, 'सहायक माहौल में देश में बेहतर विकास दर दर्ज करने की क्षमता है.' वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक निर्यात घटने और लगातार दो साल मानसून के औसत से कम रहने के बावजूद 2015-16 में विकास दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है.
उन्होंने कहा, 'दुनियाभर में कमजोर परिदृश्य के बीच बेहतर विकास दर, सुविधाजनक कीमतें, कम चालू खाता घाटा और सरकार के वित्तीय घाटा कम करने की राह पर टिके रहने के कारण वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को अवसरों की भूमि के रूप में देखा जा रहा है.'
मंत्री ने घटते निर्यात पर चिंता व्यक्त की और कहा कि देश की सरकार ने वैश्विक सुस्ती के प्रभाव से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, 'प्रतिकूल वैश्विक माहौल में देश की कुछ नीतियों में सुधार कर और निवेश तथा आधिक्य का सही उपयोग कर हम कुछ विकास दर्ज करने में सफल रहे हैं. घटता निर्यात चिंता के बड़े कारणों में से एक है.'
जेटली ने सरकार द्वारा उठाए गए बड़े कदमों में कर सुधारों, मेक इन इंडिया कार्यक्रम, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा में वृद्धि, नई परियोजनाओं को मेजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी और व्यापार की सुविधा के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया.
मंत्री ने कहा कि मानसूनी बारिश बेहतर होने पर भारत की विकास दर 7.5 फीसदी से बेहतर रह सकती है. उन्होंने कहा, 'पिछले दो-तीन दिनों में इस साल का पूर्वानुमान बेहतर बताया गया है और यदि वह सही रहता है, तो हम विकास दर को ऊपर उठा सकते हैं.'
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले दिनों जारी जून-सितंबर मानसून के पूर्वानुमान में औसत से अधिक बारिश होने की 94 फीसदी संभावना जताई है.
जेटली बुधवार को वाशिंगटन पहुंचे. इस दौरे में वह विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बसंत बैठक में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा वह ड्रग की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र में भी शामिल हो सकते हैं और अमेरिकी निवेशकों से भी मुलाकात कर सकते हैं. इसके अलावा वह नेशनल डेवलपमेंट बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर और ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों से भी मुलाकात कर सकते हैं.
15 अप्रैल को वह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के एक जी20 सत्र में भी शिरकत करेंगे. साथ ही वह विश्वबैंक तथा संयुक्त राष्ट्र की साझेदारी का विकास करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के एक सम्मान समारोह में भी हिस्सा लेंगे. 20 अप्रैल को भारत वापसी के लिए रवाना होने से पहले वह न्यूयार्क में संस्थागत निवेशक सम्मेलन भी हिस्सा लेंगे.
इनपुट...IANS.