
भारत में 5G ट्रायल चीन की कंपनी Huawei करेगी. मोदी सरकार के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया है.
टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा था कि सरकार सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम मुहैया करवाएगी और ऑपरेटर एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और Huawei को अपने पार्टनर वेंडर के रूप में चुन सकते हैं.
हालांकि चीनी कंपनी Huawei का स्वदेशी जागरण मंच विरोध कर रही है.
व्यावसायिक मंजूरी का आश्वासन नहीं
हालांकि ट्रायल का मतलब यह नहीं होगा कि व्यावसायिक रूप में इसकी मंजूरी का आश्वासन दिया जाएगा. दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में एक बैठक की है. जबकि स्वदेशी जागरण मंच चीनी कंपनी को ट्रायल की अनुमति दिए जाने का विरोध कर रहा है.
इससे पहले इसी महीने डीओटी ने स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी की कीमत को मंजूरी प्रदान की जिसके तहत खासतौर से करीब 6,050 मेगाहट्र्ज की एयर वेव्स यानी वायु तरंग की पेशकश की जाएगी.
दूरसंचार मंत्रालय की सर्वोच्च नीति निर्माता निकाय डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ने 20 दिसंबर को मार्च-अप्रैल में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी प्रदान की हालांकि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित रेडियोवेव्स की आरक्षित कीमत में कोई बदलाव नहीं किया.