
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साल 2018 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई. शनिवार को उन्होंने कहा कि उभरते बाजार संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों एवं बढ़े भू-राजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. नई दिल्ली में न्यू डिवेल्पमेंट बैंक (NDB) की द्वितीय वार्षिक बैठक में जेटली ने कहा कि वैश्विक विकास बढ़ रहा है और 2017-18 में इसमें और सुधार होने की उम्मीद है.
वित्तमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के साल 2017 में 7.2 प्रतिशत और 2018 में 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (EME) कुछ अर्थव्यवस्थाओं की संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों, वैश्विक वित्तीय स्थिति, अमेरिका की नीतियों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रही हैं. जेटली ने कहा कि भारत ने एनडीबी से विभिन्न परियोजनाओं के लिए दो अरब डॉलर का ऋण लिया है.
विकास बैंक के रूप में उभरेगा NDB
एनडीबी का गठन भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे उभरते देशों ने किया है. भारत को ढांचागत विकास के लिए काफी फंड की आवश्यकता है, जो पूरा नहीं हो पाया है. आगामी पांच सालों में ढांचागत विकास की
फंडिंग के लिए 646 अरब डॉलर की आवश्यकता है. वित्तमंत्री ने कहा कि उभरते एवं विकासशील देशों में विकास रफ्तार पकड़ रही है और ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाओं से मिल रही सूचना उत्साहवर्धक है. जेटली ने कहा,"मैं उम्मीद
करता हूं कि एनडीबी एक विकास बैंक के रूप में उभरेगा और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक मदद देगा."