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'लुक ईस्ट' की जगह अब 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी: नरेंद्र मोदी

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत- आसियान समिट को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत का पूर्व के देशों के साथ गहरा संबंध रहा है. उनकी सरकार ने 'लुक ईस्ट पॉलिसी' की जगह 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' को अपना लिया है.

नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-आसियान (ASEAN) समिट को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत का पूर्व के देशों के साथ गहरा संबंध रहा है. उनकी सरकार ने 'लुक ईस्ट पॉलिसी' की जगह 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' को अपना लिया है. थाईलैंड और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों से मिले नरेंद्र मोदी

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ अच्छे संबंध के हक में रहा है. खासकर आर्थिक विकास के मोर्चे पर कदम से कदम मिलाकर चलने पर विश्वास रखता है. तीन देश और 10 दिन, ये है मोदी का टूर प्‍लान

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मोदी के संबोधन का अंश
मुझे आसियान-भारत समिट में हिस्सा लेने का मौका मिला है. म्यांमार की धरती पर आकर प्रसन्नता हो रही है. म्यांमार के साथ हमारे सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संबंध तो हैं ही. इसके अलावा म्यांमार के भारत के पूर्व भाग का प्रवेश द्वार है. राष्ट्रपति महोदय! मैं स्वागत और आदर सत्कार के लिए धन्यवाद देता हूं. इस उत्तम व्यवस्था के लिए बधाई देता हूं. भारत में अभी-अभी चुनाव हुए. नई सरकार के 6 महीने हुए हैं. इस दौरान जितनी प्रबलता और गतिशीलता से मेरी सरकार ने पूर्व की ओर ध्यान दिया है, इसी का प्रमाण है कि हमने हर क्षेत्र में साथ चलने का प्रण किया है. जितने भी देश आज के समिट में हिस्सा ले रहे हैं, उनके साथ हमारे गहरे रिश्ते तो हैं ही. लेकिन आसियान के संबंध में भी हमारा उतना ही गंभीर रवैया है. आसियान ने विश्व को दिखाया है कि एकता, एकाग्रता के साथ कैसे आगे बढ़ा जा सकता है.

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आज पूरे एशिया-पेसिफिक क्षेत्र को आपसी सहयोग की उम्मीद है. इसे हासिल करने के लिए हम ASEAN की ओर देखते हैं और मकसद को पूरा करने में अब तक इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई है. आसियान कम्यूनिटी भारत के पड़ोसी मुल्क हैं. इन देशों के साथ बहुत साल पहले से हमारे व्यापारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, कलात्मक और पारंपरिक रिश्ते रहे हैं. संवाद के जरिए एक दूसरे को आगे भी ले गए हैं. तेजी से बढ़ता भारत और आसियान एक-दूसरे के मजबूत साझेदार हो सकते हैं. हम दोनों इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाने के पक्ष में हैं. इस सपने का साकार करने में हम बहुत हद तक सफल भी रहे हैं. हमनें एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी है. लेकिन हमनें अपनी क्षमता की तुलना में कम सफलता हासिल की है. भारत में विकास, औद्योगिकरण और व्यापार केनए युग की शुरुआत हुई है. हम अब लुक ईस्ट पॉलिसी से एक्ट ईस्ट पॉलिसी की ओर बढ़ रहे हैं.

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