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भारत ने चीन सीमा के पास बनाई दुनिया की सबसे ऊंची सड़क

चीन सीमा से सटे जम्मू कश्मीर के लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (BRO) ने मोटरगाड़ियों के चलने लायक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाई है. यह सड़क 19,300 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित ‘उमलिंगला टॉप’ से होकर गुजरती है. बीआरओ की ‘प्रोजेक्ट हिमांक’ के तहत यह कामयाबी हासिल की गई.

प्रतीकात्मक प्रतीकात्मक
साद बिन उमर
  • लेह,
  • 02 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:22 AM IST

चीन सीमा से सटे जम्मू कश्मीर के लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (BRO) ने मोटरगाड़ियों के चलने लायक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाई है. यह सड़क 19,300 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित ‘उमलिंगला टॉप’ से होकर गुजरती है. बीआरओ की ‘प्रोजेक्ट हिमांक’ के तहत यह कामयाबी हासिल की गई.

बीआरओ के प्रवक्ता ने बताया कि यह लेह से 230 किमी दूर हानले के पास स्थित है. चिसुमले और देमचक गांवों को जोड़ने वाली 86 किमी लंबी सड़क रणनीतिक महत्व की है. ये गांव पूर्वी क्षेत्र में भारत-चीन सीमा से महज कुछ ही दूरी पर स्थित हैं.

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इस मुश्किल काम को करने को लेकर बीआरओ कर्मियों की तारीफ करते हुए प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएम पुरवीमठ ने कहा कि इतनी अधिक ऊंचाई पर सड़क बनाना चुनौतियों से भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि इस जगह की जलवायु निर्माण गतिविधियों के लिए हमेशा ही मुश्किल रहती है.

बता दें कि गर्मियों में यहां तापमान शून्य से 15-20 डिग्री सेल्सियस कम रहता है, जबकि सर्दियों में यह शून्य से 40 डिग्री नीचे चला जाता है. इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य स्थानों से 50 फीसदी कम रहती है. उन्होंने कहा, 'मशीनों और मानव शक्ति की क्षमता विषम जलवायु और कम ऑक्सीजन के चलते सामान्य स्थानों पर 50 फीसदी कम हो जाती है. साथ ही, मशीन ऑपरेटरों को ऑक्सीजन के लिए हर 10 मिनट पर नीचे आना होता है.

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ब्रिगेडियर ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर उपकरणों का रखरखाव एक अन्य बड़ी चुनौती है. लद्दाख के इस सेक्टर में सड़क निर्माण की देखरेख करने वाले कमांडर 753 बीआरटीएफ प्रदीप राज ने पीटीआई से कहा कि बीआरओ कर्मियों को इस काम पर रखने से पहले काफी ट्रेनिंग दी जाती है.

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