
भारत और नेपाल सोमवार को काठमांडू में 41 रक्सौल और अमलेखगंज के बीच किलोमीटर लंबी पेट्रोलियम पाइप लाइन बिछाने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे. सहमति पत्र पर नेपाल के वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री सुनील बहादुर और भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान हस्ताक्षर करेंगे. इसके तहत भारत के रक्सौल और नेपाल के अमलेखगंज के बीच पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा और अमलेखगंज डीपो तथा संबंधित इकाइयों की इंजीनियरिंग में सुधार किया जाएगा.
सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधान रविवार को यहां पहुंच चुके हैं. नेपाल के वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय ने कहा, 'इससे दोनों मित्र देशों और इसके नागरिकों का संबंध और मजबूत होगा. इससे परिवहन खर्च बचेगा, बर्बादी रुकेगी और पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति होगी.'
भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इससे नेपाल को लंबी अवधि तक पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इससे मार्ग पर पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और रक्सौल में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर वाहनों की संख्या कम होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान 3-4 अगस्त को नेपाल ने इस पाइपलाइन निर्माण का अनुरोध किया था. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पाइपलाइन निर्माण और अमलेखगंज डीपो तथा संबंधित इकाई की री-इंजीनियरिंग की जिम्मेदारी उठाएगी.
परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। प्रथम चरण में पाइप लाइन का निर्माण होगा. पाइपलाइन निर्माण पर कंपनी 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी. डीपो और सहायक इकाइयों की री-इंजीनियरिंग पर नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन 75 करोड़ रुपये का योगदान करेगा. पाइपलाइन का 39 किलोमीटर हिस्सा भारतीय सीमा में और शेष दो किलोमीटर हिस्सा नेपाल में पड़ेगा.
इनपुट...IANS.