Advertisement

PM मोदी ने मॉरिशस को दिए 50 करोड़ डॉलर, टैक्स समझौते पर बातचीत जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत ने अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर का रियायती कर्ज देने की पेशकश की है. वहीं दोनों देश दोहरा कराधान समझौते की समीक्षा पर सहमत हुए हैं ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके.

PM Modi in Mauritius PM Modi in Mauritius
aajtak.in
  • पोर्टलुई,
  • 12 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत ने अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर का रियायती कर्ज देने की पेशकश की है. वहीं दोनों देश दोहरा कराधान समझौते की समीक्षा पर सहमत हुए हैं ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके.

मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगनाथ के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था सहित पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. मोदी दो दिन की मॉरीशस यात्रा पर हैं.

Advertisement

पेट्रोलियम भंडारण को बेहतर बनाने की जताई इच्छा
समझौतों पर हस्ताक्षर करते हुए मोदी ने कहा, 'मैं मॉरीशस के असैन्य इनफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डॉलर के रियायती कर्ज की पेशकश करके खुश हूं. हमारी मंशा मॉरीशस में जल्द से जल्द पेट्रोलियम भंडारण हेतु गोदाम बनाने की है.'

मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मेजबान प्रधानमंत्री जगनाथ ने कहा कि मोदी से बातचीत में उन्होंने मॉरीशस-भारत दोहरा कराधान वर्जन समझौते से संबंधित मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा, 'भारत ने जीएएआर पर विचार को 2017 तक के लिए स्थागित कर दिया है, हम इसकी प्रशंसा करते हैं. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया है कि वे डीटीएए को पूरा समर्थन दें क्योंकि यह वैश्विक व्यापार क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.'

मॉरीशस ने की सूचनाएं साझा करने की पेशकश
मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दोनों पक्ष इस समझौते का दुरुपयोग रोकने के लिए साझा लक्ष्य के आधार पर संधि की समीक्षा पर बातचीत करने पर राजी हो गए हैं. उन्होंने मॉरीशस को आश्वासन दिया कि भारत उसके हितों के लिए कुछ भी हानिकर नहीं करेगा. मोदी ने यह भी कहा कि मॉरीशस ने कर मामले में भारत के साथ सूचनाएं साझा करने की पेशकश की है.

Advertisement

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'कर संबंधी सूचनाएं साझा करने के मॉरीशस के समर्थन और सहयोग पर मैंने हृदय से हमारी प्रसन्नता व्यक्त की है.' मॉरीशस-भारत दोहरा कराधान वर्जन समझौता (डीटीएए) की इस चिंता के तहत समीक्षा की जा रही है कि मॉरीशस का उपयोग भारत का काला धन वापस देश में लाने के लिए किया जा रहा है. हालांकि मॉरीशस ने हमेशा कहा है कि इसके दुरूपयोग के कोई सबूत नहीं हैं.

दोनों देशों में पांच समझौते
पारंपरिक रूप से मॉरीशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि रक्षा क्षेत्र में हमारा सहयोग हमारी सामरिक साझीदारी में नींव का पत्थर है. समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का समझौता हमारी वैज्ञानिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.'

बुधवार को हुए पांच समझौतों में दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहमतिपत्र पर हुआ हस्ताक्षर भी शामिल है. यह हिन्द महासागर क्षेत्र में सतत विकास हेतु विस्तृत ढांचा प्रदान करेगा. दोनों देशों के बीच हुए अन्य समझौते हैं- मॉरीशस के अगालेगा द्वीप के लिए समुद्री और हवाई यातायात को बढ़ाने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर, पारंपरिक औषधि प्रणाली और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर, 2015-18 के बीच सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम और भारत से ताजा आमों के आयात संबंधी समझौता. (इनपुट: भाषा)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement