
भारत ने हजरत निजामुद्दीन औलिया के उर्स से ठीक पहले 192 पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा क्लियरेंस पर तात्कालिक रोक लगा दी है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के इस कदम पर निराशा जाहिर की है.
ये पाकिस्तानी नागरिक 1 जनवरी से 8 जनवरी के लिए नई दिल्ली में होने वाले हजरत निजामुद्दीन औलिया के उर्स में आना चाहते थे. भारत ने आखिरी मौके पर यह कदम उठाया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत ने कुलभूषण जाधव की उनके परिवार से हुई विवादित मुलाकात का इस तरीके से कूटनीतिक जवाब दिया है.
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पाकिस्तानी जायरीन का यह दौरा भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 में तय हुए समझौते के तहत होना था. इसके मुताबिक दोनों देशों के नागरिक दूसरे देश के धार्मिक स्थानों पर सालाना आयोजनों और नियमित रूप से भी जा सकते हैं.
भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तानी जायरीन भारत में होने वाले उर्स में शामिल नहीं हो सकेंगे. भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में इस मौके को काफी अहम माना जाता है.
पाकिस्तान ने भारत सरकार के फैसले को 1974 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया है. पाक सरकार ने कहा है कि यह फैसला दोनों देशों के लोगों के आपस में मिलने-जुलने की प्रक्रिया के लिए भी गतिरोध है.
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पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि दोनों देशों के बीच जारी जुबानी तल्खी के बावजूद पाकिस्तान ने दो दिन पहले ही 145 भारतीय मछुआरों को रिहा किया. आपको बता दें कि पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय व्यवसायी कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी से विवादित मुलाकात के बाद दोनों देश एक-दूसरे से जुबानी हमले कर रहे हैं.
पाकिस्तान का कहना है कि उसने मानवीय आधार पर जाधव के परिजनों को उनसे मिलने की इजाजत दी थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने मुलाकात के तरीकों पर सवाल खड़े किए थे. इस मुलाकात में जाधव की मां से उनका मंगलसूत्र और गहने उतरवा दिए गए थे और उनके जूते भी खुलवा लिए गए थे.
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इससे पहले, इसी साल जून में भारत ने सिख गुरु अर्जुन देव सिंह और रंजीत सिंह के शहीदी दिवस पर भारत से पाकिस्तान जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को रोक दिया था. इन्हें भारत में मौजूद पाकिस्तानी हाई कमिशन ने वीजा जारी कर दिया था. पाकिस्तान ने इनके लिए विशेष ट्रेन भेजने का प्रस्ताव भी दिया था, पर भारत सरकार ने समय रहते इस पर फैसला नहीं किया और कई लोग पाक नहीं जा सके थे.
जून 2017 के दूसरे हफ्ते में भारत से केवल 16 सिख यात्री ही समझौता एक्सप्रेस के जरिए पाकिस्तान पहुंचे थे. भारत ने करीब 200 यात्रियों को तकनीकी आधार पर पाक जाने से रोक दिया था.