
कश्मीर पर तुर्की के बयान का भारत ने कड़ा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि तुर्की पहले जमीनी स्थिति की उचित समझ हासिल करे. उसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए. बता दें कि तुर्की ने हाल ही में कहा था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने से क्षेत्र में शांति में योगदान नहीं हुआ है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है, पक्षपाती और अनुचित है. हम तुर्की की सरकार से आग्रह करेंगे कि वह जमीनी स्थिति की उचित समझ हासिल करे. तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए.
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तुर्की ने क्या कहा था
कश्मीर से धारा 370 हटने के एक साल पूरा होने पर तुर्की ने कहा कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद (370) को समाप्त करने के बाद से क्षेत्र में स्थिति और जटिल हो गई है. 370 के हटने से वहां पर शांति नहीं आई है.
बता दें कि तुर्की कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के समर्थन में बयान देता रहता है. हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान ने पाकिस्तानी समकक्ष आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात की थी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है. तुर्की इससे पहले भी पाकिस्तान को इस तरह का आश्वासन दे चुका है.
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370 हटने के एक साल पूरे
पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया था. भारत के इस फैसले का पाकिस्तान ने जमकर विरोध किया था. पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों के सामने गुहार भी लगाई थी, लेकिन कहीं से भी उसे मदद नहीं मिली.
पाकिस्तान ने स्वीकार भी किया कि वह कश्मीर के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ चुका है. दुनिया से मदद नहीं मिलने के बाद बौखलाहट में उसने इसी हफ्ते विवादित नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के कश्मीर, सियाचिन, लद्दाख और जूनागाढ़ को उसने अपना बताया.