
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों का करारा जबाव देते हुए कहा कि पाकिस्तान को इतिहास नहीं भूलना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान के पीएम को इमरान खान नियाजी संबोधित करते हुए कहा कि याद रखना चाहिए कि 1971 में उन्होंने अपने लोगों के साथ क्या किया था?
दरअसल इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है. साथ ही 1971 में पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने बांग्लादेश के लोगों का नरसंहार कराया था. इसी के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान के इमरान खान के नाम के साथ नियाजी जोड़कर संबोधित किया.
इमरान खान नियाजी को इतिहास याद रखना चाहिए
विदिशा मैत्रा ने कहा कि इमरान खान अपने झूठ से मानवाधिकार का चैंपियन बनना चाहते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. विदिशा मैत्रा ने कहा कि पीएम इमरान खान नियाजी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में पाकिस्तान ने अपने ही लोगों पर अत्याचार किए थे और इसी वजह से बांग्लादेश की स्थापना की गई थी.
भारत ने कहा कि मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए जिनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई. पाकिस्तान को इतिहास नहीं भूलना चाहिए.
पाकिस्तान नफरत की विचाराधारा वाला देश
विदिशा मैत्रा ने कहा कि भारत के पुराने कानून को जो हटाया गया है, पाकिस्तान इस पर गलत बातें फैला रहा है. भारत जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है. भारत के लोगों को किसी भी दूसरे देश की सलाह या नसीहत देने की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान नफरत की विचारधारा पर चलने वाला मुल्क है. भारत ने कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया है. इमरान खान का भाषण नफरत से भरा है.
पाकिस्तान देता है आतंकियों को पेंशन
भारत ने कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि वह दुनिया की एकमात्र सरकार है जो संयुक्तराष्ट्र संघ द्वारा घोषित आतंकी को पेंशन देता है. उन्होंने कहा कि कभी क्रिकेटर रहे इमरान खान जो जेंटलमैन के गेम की बात करते थे, आज बंदूकें उठाने और युद्ध की बात करते हैं.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दिए भाषण को इमरान की हेट स्पीच बताते हुए कहा कि उन्होंने इस वैश्विक मंच का दुरुपयोग किया है. भारत ने इमरान के नस्लीय संहार, ब्लड बाथ, नस्लीय सर्वोच्चता, बंदूकें उठा लो जैसे एक-एक शब्द को गिनाते हुए कहा कि यह उनकी मध्यकालीन मानसकिता को दिखाती है.
नियाजी ने भारत के सामने किया था सरेंडर
बता दें कि दरअसल इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है. पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने ही बंगालदेश बनने से पहले पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले लोगों पर काफी जुल्म किया था.
हालांकि बाद में आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे. पाकिस्तना में नियाजी पख्तून हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सटे हुए हिस्सों में रहते हैं. जबकि आमिर अब्दुल्ला नियाजी और इमरान खान नियाजी दोनों लाहौर में पैदा हुए, लेकिन उनके नाम के साथ नियाजी लगाते हैं.