
कूटनीतिक और सुरक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने उरी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की रणनीति को बेहद संवेदनशील बताया है. उनका कहना है कि सीधा युद्ध या हमला कोई सही निर्णय नहीं होगा, लेकिन कुछ नहीं करने से काम नहीं चलने वाला. कूटनीतिक उपाय भी अपनी जगह करने होंगे और साथ ही सैन्य और रणनीतिक उपाय भी, क्योंकि आमने-सामने युद्ध का जमाना नहीं है. लिहाजा सूझबूझ से काम लेना होगा.
उन्होंने कहा कि दूसरे सारे देश आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर भारत की ओर देख रहे हैं. भारत पर हमले दुनिया भर में संदेश देते हैं तो भारत का बदला भी दुनिया देखेगी. जो देश भारत के भरोसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. भारत का एक्शन उनकी भावनाओं से भी जुड़ा है. लिहाजा भारत को पाकिस्तान के जरिये पूरी दुनिया में फैल रहे आतंकवादी संगठनों को निशाने पर लेना होगा.
उन्होंने बताया कि इसके लिए सबसे पहले पाकिस्तान को अलग-थलग करना जरूरी है. इसके बाद आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद के शिकार देशों को एकजुट होकर रणनीति बनानी होगी. ताकि चीन जैसे देशों को भी मजबूर किया जा सके.
सुशांत सरीन के मुताबिक, उरी में हुआ आतंकवादी हमला खुफिया तंत्र की लापरवाही कम और सुरक्षा बंदोबस्त में चूक ज्यादा दिखता है. ये सच है कि चप्पे-चप्पे पर हथियारबंद सैनिक तैनात नहीं किए जा सकते, लेकिन अपनी सरहदों को ज्यादा तकनीक और उपकरणों से लैस तो कर ही सकते हैं. खासकर वहां जहां से घुसपैठ की घटनाएं ज्यादा होती हैं.