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आतंकी मसूद अजहर पर बैन न लगने से भड़का भारत, UN पैनल से पूछे सवाल

पठानकोट एयरबेस पर हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगवाने के लिए भारत ने सख्त रूख अपना लिया है. यूएन में चीन के रवैये की भारत ने कड़ी आलोचना की है. जैश सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो लगा दिया था.

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संदीप कुमार सिंह
  • वॉशिंगटन,
  • 15 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

पठानकोट एयरबेस पर हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगवाने के लिए भारत ने सख्त रूख अपना लिया है. यूएन में चीन के रवैये की भारत ने कड़ी आलोचना की है. जैश सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो लगा दिया था.

चीन ने वीटो का किया था इस्तेमाल
सुरक्षा परिषद में चीन ने अपनी सफाई में कहा था कि मसूद अजहर का मामला सुरक्षा परिषद के दायरे में नहीं आता है. लेकिन भारत ने चीन की वीटो की कार्रवाई को गैरजिम्मेदाराना बताया. भारत ने कहा है कि ये आश्चर्य की बात है कि सैंक्शंस कमेटी के बाकी सदस्यों को चीन ने अंधेरे में रखा. अंतिम पलों में चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया.

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बाकी मेंबर्स को नहीं बताया कारण
भारत ने इस मामले में सख्त रूख दिखाते हुए कहा है कि यूएन के किसी भी मेंबर को कभी भी नहीं बताया गया कि क्यों और किस वजह से टेररिस्ट्स पर बैन नहीं लगाया गया? बता दें कि मसूद को यूएन कमेटी द्वारा बैन से बचाने के चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल किया था. इस पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था. यूएन में भारत के एंबेसडर सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'मसूद को बैन करने के लिए हिडन वीटो का इस्तेमाल किया. लेकिन इसकी जिम्मेदारी किसकी है.'

ओपन डिबेट में भारत ने रखी बात
गुरुवार को यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में 'इंटरनेशनल पीस एंड सिक्युरिटी' पर खतरे को लेकर ओपन डिबेट रखी गई थी. अकबरुद्दीन के मुताबिक, 'वर्ल्ड बॉडी के जनरल मेंबर्स को टेररिस्ट को बैन न करने का भी कारण नहीं बताया गया. तालिबान, अल कायदा और आईएसआईएस पर पाबंदी लगाने वाली कमेटी को एक बार फिर से इस पर सोचने की जरूरत है.'

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यूएन संस्था में भरोसा पैदा करे
अकबरुद्दीन ने कहा- 'यूएन कमेटी का काम भरोसा पैदा करना है न कि 'हिडन वीटो' के इशारों पर नाचना.' बीते महीने यूएन कमेटी में मसूद अजहर को बैन करने पर फैसला होना था. कमेटी में शामिल 15 में से 14 देश इसके हक में थे. बैन के सपोर्ट में अमेरिका, यूके और फ्रांस जैसे देश थे. सिर्फ चीन ने इसके विरोध में वीटो कर दिया. हैरानी की बात ये है कि चीन ने इसकी वजह भी नहीं बताई. माना जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान की वजह से ऐसा किया.

पाकिस्तान-चीन की मिलीभगत
भारत सरकार के मुताबिक, बैन करने के फैसले से पहले चीन ने पाकिस्तान से बात की थी. बता दें कि पाकिस्तान इस कमेटी का मेंबर नहीं है. लिहाजा चीन ने फैसले के खिलाफ वीटो कर इसे रुकवा दिया. इससे पहले भारत ने यूएन कमेटी से कहा था कि अजहर को बैन न करने से भारत और साउथ एशिया के दूसरे देशों पर खतरा मंडराता रहेगा.

NIA ने जारी किया है अरेस्ट वारंट
जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा कदम उठाया है. एनआईए की विशेष अदालत ने चार पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. जिनमें मसूद अजहर और उसके भाई रउफ का नाम भी शामिल है.

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मसूद है पठानकोट हमले का हैंडलर
मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने हमले के चार पाकिस्तानी हैंडलर्स मसूद अजहर, उसके भाई रउफ, कासिफ जान और शाहिद लतीफ के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. इस आदेश के साथ ही अब ये सभी चार आतंकी आधिकारिक रूप से मामले में वांटेड की श्रेणी में आ गए हैं.

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