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Conclave16: दुनिया बदलने वालों के लिए बैलेंस के बादशाह पेटिट की 10 बातें

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 के दूसरे दिन पेटिट ने बताया कि सड़क पर करतब दिखाने से लेकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर पर हाई वायर वॉक कर दुनिया भर को चौंका देने वाले उनके काम के पीछे उन्हें कैसे मजबूती मिलती रही.

फिलिप पेटिट का जीवन सकारात्मक सोच की एक मिसाल है फिलिप पेटिट का जीवन सकारात्मक सोच की एक मिसाल है
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

जमीन से ऊपर तारों पर चलने की कला में कीर्तिमान बनाने वाले फिलिप पेटिट का जीवन सकारात्मक सोच की एक जीती जागती मिसाल है. उनकी बातें किसी में भी नया करने की प्रेरणा भर देती है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 के दूसरे दिन पेटिट ने बताया कि सड़क पर करतब दिखाने से लेकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर पर हाई वायर वॉक कर दुनिया भर को चौंका देने वाले उनके काम के पीछे उन्हें कैसे मजबूती मिलती रही.

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कॉन्क्लेव में चर्चा करे दौरान सामने आई उनकी 10 बेहद प्रेरक बातें -

1. बचपन में पांच अलग-अलग स्कूलों से मैं निकाला गया. मैंने अपनी सारी शिक्षा सड़कों पर हासिल की. मेरा मानना है कि स्कूलों में जुनून सिखाना चाहिए.

2. रचनात्मकता क्रांतिकारी होती है. तारों पर चलना मैंने अपने आप सीखा. इसके लिए अलग से कोई ट्रेनिंग नहीं ली.

3. दुनिया से यह कहना कि देखो मैं वो कर सकता हूं, जो तुम नहीं कर सकते. इस एहसास में मेरी कभी दिलचस्पी नहीं रही.

4. अपने जुनून की वजह से लगभग 500 बार जेल जाना पड़ा, लेकिन इसने कभी मेरे काम पर असर नहीं डाला.

5. आठ से अधिक भाषाओं को बोल सकने के बाद भी जादुगरों की बॉडी लॉन्ग्वेज सीखने की कोशिश हमेशा करता रहा.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 का कार्यक्रम

6. मेरे आदर्श मशहूर चित्रकार लियोनार्डो द विंची हैं और मैं खुद भी हूं. खुद के जूनून पर हमेशा भरोसा और गर्व करना चाहिए.

7. सबसे बड़ा जादू वह है जो बिना ऐलान के किया जाता है. मेरे लिए वायर वॉक और वायर वॉक के लिए मैं जादू की तरह हैं. मेरा माना है कि सब कुछ नैचुरल होता है.

8. किसी रेगुलर गॉड पर मेरा यकीन नहीं. बनावटी मुस्कान पर भी यकीन नहीं. कैमरे के लिए भी नहीं. कामयाबी की मुस्कान सहजता से आती है.

9. कितनी भी बड़ी कामयाबी हो, हमें गॉड या मास्टर नहीं बना सकती. सुरक्षा का ख्याल कर कोई चिड़िया नहीं उड़ती. मैं हमेशा सीखता रहता हूं.

10. अपनी मजबूती सबसे अधिक होने का दावा करना कमजोर कर सकता है. शरीर, मन और डर के एहसास के साथ स्वाभाविक तौर पर ही कदम बढ़ाए जाते हैं. कोई भी अगला कदम आखिरी हो सकता है. भले ही वह तार पर हो या न हो.

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